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...तो इसलिए कहा जाता है नीम करोली बाबा को हनुमान जी का अवतार

Neem karoli Baba: नीम करोली बाबा देश ही नहीं पूरी दुनिया में विख्यात हैं. उनके करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु हैं, जिनमें कई नामी-गिरामी लोग भी शामिल हैं. उत्तराखंड के नैनीताल स्थित कैंची धाम, उनके आश्रम में पूरी दुनिया से लोग दर्शन के लिए आते हैं. बाबा नीम करोली का 11 सितंबर को निर्वाण दिवस है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन थे नीम करोली बाबा और क्यों लोग उनको हनुमान जी का अवतार मानते थे.

अनुयायी

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अनुयायी

नीम करोली बाबा के अनुयायियों में फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग, एप्पल के सीईओ रहे स्टीव जॉब्स, हॉलीवुड की एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स से लेकर राजनेता, क्रिकेटर्स और कई सेलिब्रिटीज शामिल हैं. उनका जन्म साल 1900 के आसपास उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर नामक स्थान पर हुआ था. 

अवतार

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अवतार

बाबा नीम करोली के पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा और माता राम बेटी था. वे बचपन से ही हनुमान जी को अपना गुरु मानते थे. ऐसा माना जाता है कि बजरंगी बली के भक्त होने के चलने उनको कम उम्र में ही कई तरह की दिव्य शक्तियां प्राप्ति हो गई थीं, जिस वजह से लोग उनको हनुमान जी का अवतार कहने लगे थे.

देह त्याग

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देह त्याग

नीम करोली बाबा ने 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में अपना शरीर त्यागा था. यहां भी उनका एक आश्रम मौजूद है, जहां बाबा का आशीर्वाद पाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. बाबा ने छोटी उम्र में अपना घर छोड़ दिया था और इसके बाद कैंची में अपना आश्रम बनाया था. 

मंदिरों का निर्माण

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मंदिरों का निर्माण

नीम करोली बाबा ने अपने जीवनकाल में बाबा ने कई जगहों पर 108 हनुमान मंदिरों का निर्माण कराया था.

आडंबर

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आडंबर

बाबा आडंबरों से दूर रहते थे, इसलिए वह किसी भी इंसान को अपना पैर छूने नहीं देते थे. इसके बावजूद भी कोई उनके चरण छूने का प्रयास करता तो वह हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे.

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