Mukhtar Ansari News: उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को मौत का डर सता रहा है. उसने पिछले दिनों स्लो प्वाइजन देने का आरोप लगाया था. अब उसकी तबीयत खराब हो गई है और बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. अब ये बड़ा सवाल है कि आखिर मुख्तार को कौन और क्यों जहर दे रहा है. यह जांच का विषय है, लेकिन इस मौके पर हम आपको ऐसे 10 माफिया डॉन की कहानी बता रहे हैं, जिनकी मौत जेल में हुई और उनकी मौत का रहस्य आज भी नहीं खुल पाया है.
प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी, मुख्तार अंसारी का करीबी थी, जिसकी 9 जुलाई 2018 को बागपत जेल में हत्या कर दी गई थी. मुन्ना बजरंगी का जन्म यूपी के जौनपुर जिले के पुरेदयाल गांव में साल 1967 में हुआ था. मुन्ना ने 5वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी और कालीन बुनने के काम में लग गया, लेकिन वह बचपन से ही गैंगस्टर बनना चाहता था. 17 साल की उम्र में मुन्ना बजरंगी के खिलाफ पहली बार जौनपुर के सुरेही थाना में हत्या और डकैती का केस दर्ज किया गया, जिसके बाद उसके अपराधों की संख्या लगातार बढ़ती गई.
मुख्तार अंसारी के राइट हैंड संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की पिछले साल लखनऊ के कोर्ट में पेशी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वकील की ड्रेस में आए शूटर ने कोर्ट के अंदर संजीव जीवा पर गोलीबारी शुरू कर दी और उसे मौत के घाट उतार दिया. संजीव माहेश्वरी, मुख्तार अंसारी का खास होने के साथ ही मुन्ना बजरंगी का भी अच्छा दोस्त था. 10 फरवरी 1997 को संजी ने यूपी के फर्रुखाबाद में पूव कैबिनेट मंत्री ब्रहमदत्त द्विवेदी की हत्या कर दी थी और यहीं से उसकी क्राइम की दुनिया की शुरुआत हुई. साल 2005 में गाजीपुर के भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित छह लोगों की हत्या में भी जीवा का हाथ था.
यूपी के प्रयागराज में 15 अप्रैल 2023 को पेशी के दौरान माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अतीक के हत्यारे पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे थे अचानक गोलीबारी कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चली थी, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगी थीं. अब भी यह रहस्य बना हुआ है कि अतीक की हत्या के पीछे कौन है.
दिल्ली की तिहार जेल में बंद टिल्लू ताजपुरिया की पिछले साल मई में गैंगवार में हत्या कर दी गई थी. दिल्ली के अलीपुर का रहने वाला सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया दिल्ली के अलावा हरियाणा में भी अपना गैंग चलाता था. टिल्लू जेल के अंदर से ही अपना गैंग ऑपरेट करता था और 24 सितंबर 2021 को शूटर भेजकर गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या करा दी थी. टिल्लू को पुलिस ने साल 2016 में गिरफ्तार किया था और उसे मंडोली जेल में रखा गया था.लेकिन, जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद उसे तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया था.
बाहुबली और पूर्व सासंद मोहम्मद शहाबुद्दीन की मई 2021 में दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. बिहार से सीवान में एक समय शहाबुद्दीन का आतंक था और उस पर हत्या समेत कई आपराधिक मामले दर्ज थे. 90 के दशक में शहाबुद्दीन को दहशत और खौफ का दूसरा नाम माना जाता था. साल 2004 में फिरौती की रकम न चुकाने पर शाहबुद्दीन और उसके गुर्गों ने दो भाइयों की हत्या कर दी थी. इसी मामले में शहाबुद्दीन को आजीवन कारावास की सजा हुई थी और वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहा था, जिस समय वह कोरोना से संक्रमित हो गया.
यूपी के हरदोई जेल में बंद माफिया खान मुबारक की पिछले साल जून में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वह 2 जून 2022 से हरदोई जेल में बंद था और उसे निमोनिया हो गया था, जिसके इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. खान मुबारक, अंडरवर्ल्ड बदमाश जफर सुपारी का छोटा भाई था और यूपी के टॉप 10 अपराधियों में शामिल था. खान मुबारक पर लूट, रंगदारी, जबरन वसूली और हत्या समेत कई मामले दर्ज थे.
हिस्ट्रीशीटर और गैंगस्टर अंकित गुर्जर की साल अगस्त 2021 में तिहाड़ जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. इसके बाद अंकित के परिवार ने जेल अधिकारियों पर पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया था. आठ कत्ल के आरोपी अंकित गुर्जर के खिलाफ हत्या के अलावा रंगदारी और जानलेवा हमला समेत 16 से अधिक केस दर्ज थे. अंकित पर पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम रखा था और उसे अगस्त 2020 में गिरफ्तार किया गया था.
कुख्यात गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की अप्रैल 2023 में देश के सबसे सुरक्षित जेलों में से एक दिल्ली की तिहाड़ जेल में चाकू और सुआ से गोदकर हत्या कर दी गई थी. प्रिंस तेवतिया दक्षिण दिल्ली में सक्रिय था, जहां वो अपना गैंग ऑपरेट कर रहा था. प्रिंस, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी था. दिल्ली का दाऊद नाम से मशहूर कुख्यात गैंगस्टर हाशिम बाबा से हाथ मिलाने के बाद प्रिंस का नाम सुर्खियों में आया था. हाशिम से दोस्ती के बाद प्रिंस दक्षिणी दिल्ली के बड़े गैंग्स में शामिल गंगवाल और रोहित चौधरी गैंग को टक्कर देने लगा था. क्राइम ब्रांच ने 2 दिसंबर 2022 को प्रिंस को गिरफ्तार किया था.
झारखंड के गैंगस्टर बाबा परिहस्त की मौत इसी साल फरवरी में जेल के अंदर संदिग्ध परिस्थितियों में हो गई थी. बताया जाता है कि बाबा परिहस्त ने जेल के अंदर दारू पार्टी की थी, जिसके बाद रात को अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और खून की उल्टी कर उसकी मौत हो गई. बाबा परिहस्त का आतंक झारखंड के देवघर में चलता था. उसके खिलाफ हत्या, रंगदारी, आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज थे. उसे 22 दिसबंर 2022 को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
मेरठ की जेल में बंद गैंगस्टर अशोक कबाड़ी की दिसंबर 2023 में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. रिपोर्ट के अनुसार, अशोक कबाड़ी एचआईवी पॉजिटिव था और उसे डायबिटीज के अलावा हाईपर टेंशन की भी बीमारी थी. अशोक कबाड़ी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसे 29 नवंबर को गिरफ्तार किया था और उसे जेल भेज दिया था. अशोक कबड़ी के खिलाफ मेरठ में कई मुकदमें दर्ज थे.
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