IAS Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को पास करना एक कठिन चुनौती भी है. इस चुनौती को पार करने वाले युवाओं की कहानियां दूसरों को कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित करती हैं. आज हम आपके लिए एक ऐसी ही सफलता की कहानी लेकर आए हैं. आज पढ़िए मुद्रा गैरोला के बारे में, डॉक्टर से सिविल सर्वेंट बनने वालीं आईएएस ऑफिसर मुद्रा सभी के लिए एक मिसाल हैं.
आईएएस ऑफिसर मुद्रा गैरोला की कहानी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को पीछे छोड़ परिवार की आकांक्षाओं का सम्मान करने के बारे में भी है. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम मुद्रा गैरोला है.
मुद्रा उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग की रहने वाली हैं. वह शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रही हैं. उन्होंने 10वीं बोर्ड परीक्षा में 96 फीसदी और 12वीं में 97 प्रतिशत नंबर हासिल किए थे. उनकी इस उपलब्धि ने उनके आगे बढ़ने के रास्ते खोल दिए.
मुद्रा ने 12वीं के बाद डॉक्टर बनना चुना और डेंटिस्ट की पढ़ाई में भी बेहतरीन परफॉर्म किया. बीडीएस की पढ़ाई में हुए वह गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुकी हैं. मुद्रा डेंटिस्ट बनना चाहती थीं और अपने सपने के बेहद करीब थीं, लेकिन उन्होंने अपने सपने से ज्यादा अपने पिता के अधूरे सपने को पूरा करने के बारे में सोचा.
दरअसल, मुद्रा के पिता अरुण गैरोला खुद भी कि वह भारतीय प्रशासनिक सेवा जाना चाहते थें. वह आईएएस ऑफिसर बनकर देश सेवा करने की आकांक्षा रखते थे, वह 1973 में यूपीएससी सीएसई में शामिल भी हुए, लेकिन वह असफल हो गए थे.
अब होनहार बेटी के जरिए मुद्रा के पिता अपने अधूरे सपने को साकार करना चाहते थे, जिसे लेकर वह दृढ़ संकल्पित थे. उन्होंने ही अपनी बेटी को यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया. साल 2018 में मुद्रा इंटरव्यू राउंड तक भी पहुंच गईं, लेकिन फाइनल में जगह बनाने में असफल रहीं.
साल 2021 में मुद्रा ने 165वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की और उन्हें IPS कैडर मिला. मुद्रा के मन में कहीं न कहीं पिता के सपने को पूरा न करने की कसक बाकी रह गई थी.
दरअसल, मुद्रा के पिता अरुण गैरोला खुद भी कि वह भारतीय प्रशासनिक सेवा जाना चाहते थें. वह आईएएस ऑफिसर बनकर देश सेवा करने की आकांक्षा रखते थे, वह 1973 में यूपीएससी सीएसई में शामिल भी हुए, लेकिन वह असफल हो गए थे.
इसके बाद उन्होंने तीसरी बार एग्जाम दिया और आखिरकार पिता की आकांक्षा को पूरा करके ही दम लिया. यूपीएससी सीएसई 2022 में उन्होंने सफलता हासिल की और परीक्षा में 53वीं रैंक के साथ क्वालिफाई मुद्रा को आईएएस कैडर मिला.
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