Modi Government Dropped Out Ministers: मोदी सरकार 2.0 में आपने कई चर्चित चेहरे और उनकी हनक देखी होगी. लेकिन वे अब नई सरकार में कहीं नजर नहीं आएंगे. कोई चुनाव हार गया तो किसी पर विवाद भारी पड़ गया, जिससे उनकी मंत्री की कुर्सी खिसक गई.
अजय भट्ट उत्तराखंड में बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. वे पिछली मोदी सरकार में रक्षा मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत थे. इस बार भी वे नैनीताल-ऊधमसिंह सीट पर 61 फीसदी वोटों से जीत दर्द कर मंत्री पद के बड़े हकदार थे. हालांकि इस बार उन्हें शपथ ग्रहण के लिए पीएमओ से बुलावा नहीं आया और वे इंतजार करते रह गए.
अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम रहे प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं. वे मोदी सरकार 2.0 में केंद्रीय युवा कल्याण, खेल मंत्रालय और सूचना-प्रसारण विभाग के कैबिनेट मंत्री थे. वे इस बार भी हिमाचल की हमीरपुर सीट पर 58 फीसदी वोट लेकर जीते हैं. इसके बावजूद मोदी सरकार की नई कैबिनेट में उनका नाम शामिल नहीं किया गया है.
पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में राजनीति करने वाले निशीथ प्रमाणिक बीजेपी के युवा नेता हैं. वे पिछली मोदी सरकार में 2021 से 2024 तक केंद्रीय राज्य मंत्री थे. उनके पास गृह मंत्रालय, युवा कल्याण और खेल मंत्रालय था. इस बार भी वे कूचबिहार सीट पर 48 प्रतिशत वोट लेकर चुनाव जीते हैं. हालांकि मोदी सरकार 3.0 में उन्हें मौका नहीं मिल सका है.
साध्वी निरंजन ज्योति बीजेपी की फायर ब्रांड नेता रही हैं. वे मोदी की पिछली सरकार में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री थीं. इस बार उनकी किस्मत दगा दे गई. वे यूपी की फतेहपुर सीट से सपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे नरेश उत्तम पटेल के हाथों चुनाव हार गईं, इसलिए उनका पत्ता स्वाभाविक रूप से कट गया.
पूर्व केंद्रीय गृह सचिव रहे आरके सिंह रिटायरमेंट के बाद बीजेपी जॉइन कर राजनीति में सक्रिय हुए. पिछली बार बिहार की आरा सीट पर जीत दर्ज कर वे मोदी कैबिनेट में विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बने थे. हालांकि इस बार उनके भाग्य ने साथ नहीं दिया और वे आरा सीट पर भाकपा माले के उम्मीदवार सुदामा प्रसाद से हार गए.
अर्जुन मुंडा झारखंड में बीजेपी के कद्दावर आदिवासी नेता रहे हैं. वे राज्य के सीएम भी रह चुके हैं. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अर्जुन मुंडा को शुरू में जनजातीय कल्याण मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. इसके बाद सरकार के आखिरी वक्त में उन्हें देश का कृषि मंत्री नियुक्त किया गया था. इस बार उन्होंने झारखंड की खूंटी सीट से चुनाव लड़ा था, जहां पर कांग्रेस के कालीचरण मुंडा से उन्हें हार झेलनी पड़ी.
टीवी सीरियल सास भी कभी बहू से चर्चित हुईं स्मृति ईरानी का राजनीतिक जीवन कभी खुशी- कभी गम वाला रहा है. उन्होंने बीजेपी में आने के बाद पहला चुनाव अमेठी से लड़ा लेकिन हार झेलनी पड़ी. इसके बावजूद उन्हें मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया. अगली बार जीतने पर भी उन्हें मंत्री पद मिला. हालांकि इस बार वे फिर अमेठी कांग्रेस नेता किशोरी लाल शर्मा से हार गईं हैं. जिसके बाद उन्हें मंत्री पद का बुलावा नहीं आया है.
राजीव चंद्रशेखर केरल में बीजेपी के दिग्गज नेता रहे हैं. वे एक नामी उद्यमी और टेक्नोक्रेट रहे हैं. वह बीजेपी की ओर से लंबे वक्त तक राज्यसभा सांसद रहे. मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में वे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री थे. पार्टी ने उन्हें इस बार तिरुवनंतपुरम सीट से चुनाव में उतारा था, जहां वे कांग्रेस के शशि थरूर से हार गए. इसके बाद उन्हें मंत्री पद के लिए न्योता नहीं मिला.
अजय मिश्रा टेनी पिछली मोदी सरकार के कुछेक विवादित मंत्रियों में से एक रहे हैं. वे यूपी की खीरी सीट पर राजनीति करते रहे हैं. उनके बेटे आशीष मिश्रा पर अपनी कार से कुचलकर 4 किसानों की हत्या का आरोप है. अजय मिश्रा टेनी मोदी सरकार 2.0 में गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री थे. इस बार भी वे खीरी सीट पर उम्मीदवार थे लेकिन उन्हें सपा के उत्कर्ष वर्मा के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी है, जिसका बाद उनका मंत्रिपद से पत्ता कट गया.
ट्रेन्डिंग फोटोज़