Israel Iran War Possibility: लंबे समय से पूरी दुनिया की निगाहें मिडिल ईस्ट पर लगी हुई हैं. हाल ही में इजरायल की तरफ से दिए गए घावों पर ईरान का खून खौला हुआ है. डिफेंस एक्सपर्ट्स भी मान कर चल रहे हैं कि ये टकराव काफी आगे बढ़ सकता है. अगर ऐसा हुआ दोनों में से किसकी सेना भारी पड़ सकती है.
अमेरिका भी अब मान चुका है कि जल्द ही ईरान बदला लेने के लिए इजरायल पर हमला कर देगा. बाइडेन प्रशासन ने यह बात क्लियर कर दी है. ऐसा हुआ तो यह दुनिया के लिए किसी भी तबाही से कम नहीं होगा. इजरायल अभी तो फिलहाल भारी पड़ रहा है. लेकिन आगे क्या होगा इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है. क्या यह तीसरे विश्व युद्ध का संकेत है. इस बीच इजरायल और ईरान में किसके पास ताकतवर सेना है. ये भी जान लीजिए. साथ ही ये जानेंगे कि बाकी देश किसका साथ देंगे.
असल में अमेरिकी सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई है कि युद्ध की परिस्थिति में अमेरिका इजरायल की मदद की तैयारी कर रहा है। क्योंकि तेहरान में इस्माइल हानिया की हत्या के प्रतिशोध में ईरानी हमला जरूर होगा. हालांकि इसमें लेबनानी हिजबुल्लाह के शामिल होने की काफी संभावना जताई जा रही है। कुछ महीने पहले इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज ने इन दोनों देशों की सेनाओं और हथियारों के बारे में कुछ बताया था.
इस स्टडी में इजरायली और ईरानी मिसाइलों और हमला करने की ताकतों की तुलना भी की गई थी. पहली बात तो ये सामने आई कि 2022-2023 में ईरान का रक्षा बजट 7.4 अरब डॉलर का था. जबकि इजरायल का रक्षा बजट 19 अरब डॉलर के आसपास है. जीडीपी की तुलना में इजरायल का रक्षा बजट ईरान से दोगुना है. तो ऐसे में जाहिर है कि इसका प्रभाव सैन्य क्षमताओं पर भी पड़ेगा.
इजरायल के पास 350 के आसपास लड़ाकू विमान हैं, एफ-15 विमान हैं, छिप कर वार करने वाले एफ-35 लड़ाकू विमान हैं, तेज हमले करने वाले हेलिकॉप्टर हैं. वहीं ईरान के पास भी 320 लड़ाकू विमान हैं. उसके पास एफ-4एस, एफ-5एस और एफ-14एस जैसे विमान हैं. लेकिन यहां एक चीज है कि इजरायल के पास उन्नत किस्म की तकनीक है और ईरान अभी अपने कुछ पुरानी तकनीकों पर निर्भर है.
अब बात आती है कोर डिफेंस की तो यहां इजरायल के पास दुनिया के सबसे टॉप इंटरसेप्टर में से एक आयरन डोम है. आप आयरन डोम की क्षमता का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगा सकते हैं कि गाजा युद्ध के बाद से ही ईरान की ओर से दागी गई करीब 300 से ज्यादा मिसाइलों को इसने नाकाम कर दिया था. इनमें ईरान के हमलावर ड्रोन भी शामिल थे. ईरान का भी डिफेंस सिस्टम मजबूत है लेकिन अभी वह आयरन डोम से नीचे है. वहीं अभी ईरानी नौसेना का आधुनिकीकरण नहीं हुआ है
अब बात सैनिकों की संख्या की तो इसमें ईरान अव्वल है. इजरायली सैनिकों की तुलना में ईरानी सैनिकों की संख्या छह गुनी अधिक है. ईरान की सेना में छह लाख सक्रिय सैनिक, वहीं इजरायल के पास 70 हजार सक्रिय सैनिक हैं. वैसे तो क्षेत्रफल में भी ईरान बहुत बड़ा है और इजरायल छोटा है. जहां ईरान की आबादी 89 मिलियन है तो इजरायल की आबादी 10 मिलियन के आसपास है.
इसके अलावा इजराइल के पास मोसाद है, जिसका नाम ही काफी है. अमेरिका की खुफिया एजेंसी के बाद मोसाद का ही नंबर आता है. ऐसा माना जाता है कि दोनों के पास परमाणु हथियार हैं लेकिन दोनों ने कभी इसकी पुष्टि नहीं की है. इजरायल के साथ अमेरिका हमेशा रहता है. वहीं ईरान का हमेशा से ही इराक और सीरिया में प्रभाव बना रहता है. इसके अलावा यह तो नहीं कहा जा सकता कि दुनिया के अन्य देश किसका साथ देंगे लेकिन अमेरिका रूस जैसे बड़े देश अपना स्टैंड जरूर लेंगे.
नौसैनिक ताकत की बात करें तो ईरान के पास 19 पनडुब्बियां हैं, जबकि इजरायल के पास महज 5 पनडुब्बियां हैं. वहीं गश्ती जहाज के मामले में इजरायल आगे हैं. ड्रोन ताकत में ईरान को आगे बताया जाता है. कुछ समय पहले ग्लोबल फायर पॉवर ने इस पर एक स्टडी की थी तो उसने मुख्यतौर पर 8 बिंदुओं पर दोनों देशों के बीच में तुलना की थी. उसने यह पाया कि 6 मामलों में ईरान और 2 मामलों में इजरायल आगे है. इसमें तीनों सेनाओं को भी शामिल किया गया था.
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