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मिठाई की दुकान में काम करते थे यश जौहर, परिवार में थे 9 भाई-बहन, मधुबाला थीं इनकी फैन, ऐसे बनें 2000 करोड़ की कंपनी धर्मा प्रोडक्शंस के मालिक

Dharma Production Histroy: फिल्म इंडस्ट्री में धर्मा प्रोडक्शंस सबसे बड़े प्रोडक्शन हाउस में आती है. धर्मा के बैनर तले अब तक 63 फिल्में बन चुकी हैं. जिसमें से तीन ऐसी फिल्में हैं जो रिलीज होनी हैं. करण लगातार घटते मुनाफे के बीच किसी खरीददार की तलाश कर रहे थे. ये खरीदार सीरम इंस्टीट्यूट के बॉस अदार पूनावाला बनें, जिन्होंने धर्मा प्रोडक्शन से 1000 करोड़ में डील साइन की और 50 फीसदी की बड़ी हिस्सेदारी खरीद ली. रिपोर्ट्स की मानें तो ये कंपनी 2000 करोड़ की है. तो चलिए आपको इस धर्मा प्रोडक्शन की कंपनी की शुरुआत और कैसे ये इतना बड़ा प्रोडक्शन हाउस बन गया इसका इतिहास बताते हैं.

48 साल पहले खोली कंपनी

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48 साल पहले खोली कंपनी

करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शन की स्थापना उनके पिता यश जौहर ने साल 1976 में की थी. इस कंपनी को अब 48 साल बीत गए हैं. सालों साल इस कंपनी को यश जौहर चलाते रहे. लेकिन इनके देहांत के बाद यानी कि साल 2004 से करण जौहर इस कंपनी को चला रहे हैं. तो चलिए सबसे पहले आपको यश जौहर के बारे में बताते हैं.

लाहौर से पहुंचे मुंबई

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लाहौर से पहुंचे मुंबई

यश जौहर का जन्म ब्रिटिश शासन के दौरान 6 सितंबर, 1929 को पंजाब के लाहौर में हुआ था. जब देश का विभाजन हुआ तो वो अपने परिवार के साथ दिल्ली आ गए. मीडिया रिपोर्टस की मानें तो यश जौहर के पिता ने दिल्ली आने के बाद 'नानकिंग स्वीट्स 'मिठाई की दुकान खोल ली. 

 

पढ़ाई में थे तेज

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पढ़ाई में थे तेज

यश जौहर को मिलाकर ये 9 भाई बहन थे. ये पढ़ने में तेज थे और परिवार में अपने भाई-बहन से ज्यादा पढ़े लिए थे. लिहाजा यश जौहर के पिता ने इन्हें मिठाई की दुकान पर हिसाब किताब करने के लिए बैठा दिया. लेकिन यश जौहर को ये काम कभी भी रास नहीं आया.

दुकान में किया काम

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दुकान में किया काम

एक दिन यश जौहर की मां ने उनसे कहा कि तुम हलवाई की दुकान पर बैठने के लिए नहीं बने हो. उनके कहने पर नो मुंबई चले गए और वहां से उनका नया सफर शुरू हुआ. मुंबई आने के बाद यश जौहर को काफी स्ट्रगल करना पड़ा. यहां तक एक न्यूज पेपर में फोटोग्राफर का भी काम किया. कहा तो ये भी जाता है कि मधुबाला किसी को अपनी फोटोज क्लिक नहीं करने देती थीं. लेकिन यश जौहर की वो इंग्लिश से इतनी इंप्रेस थी कि उनसे पिक्चर्स क्लिक करवाती थीं.

कई लोगों के साथ किया काम

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कई लोगों के साथ किया काम

1952 में सुनील दत्त के प्रोडक्शन हाउस 'अजंला आर्ट्स' को यश जौहर ने ज्वॉइन कर लिया. इसके बाद बतौर सह निर्माता देवानंद के प्रोडक्शन हाउस 'नवकेतन फिल्म्स' से जुड़े. देवानंद के प्रोडक्शन हाउस से मिलकर 'गाइड', 'ज्वैल थीफ', 'प्रेम पुजारी' और 'हरे रामा हरे कृष्णा' जैसी शानदार फिल्मों को बनाने में अपना अहम योगदान दिया. 

ऐसे बनीं सबसे बड़ी कंपनी

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ऐसे बनीं सबसे बड़ी कंपनी

इसके बाद यश जौहर ने 1976 में अपनी खुद की कंपनी धर्मा प्रोडक्शन ओपन कर दी. इस प्रोडक्शन हाउस की पहली फिल्म 'दोस्ताना' थी. जिसे राज खोसला ने डायरेक्ट किया था. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया. इसके अलावा दुनिया, 'अग्निपथ', 'गुमराह डुप्लीकेट', 'कुछ कुछ होता है', 'कभी खुशी कभी गम' और 'कल हो ना हो' जैसी कई  ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाईं. जिसके बाद देखते ही देखते धर्मा प्रोडक्शन की साख फिल्म इंडस्ट्री में और भी मजबूत होती चली गई. 

 

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