Delhi Varanasi Bullet Train Project: सरकार दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर फोकस कर रही है. इस कॉरिडोर के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही है. यह परियोजना उत्तर प्रदेश के कई प्रमुख शहरों को कवर करेगी.
भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर जोर-शोर से काम चल रहा है. मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की तैयारी अपने अंतिम चरण है. इसी बीच सरकार देशभर में बुलेट ट्रेन नेटवर्क का विस्तार करने की तैयारी में है, जिसमें कई नए कॉरिडोर शामिल होंगे. यह देश की रेल कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट भारत की पहली हाई-स्पीड रेल परियोजना है. इसकी कॉरिडोर की कुल लंबाई 508 किलोमीटर है. इस प्रोजेक्ट को जापान सरकार के तकनीकी और वित्तीय सहयोग से डेवलप किया जा रहा है. इस कॉरिडोर में कुल 12 स्टेशन होंगे. जिनमें मुंबई, अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा शामिल हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत 21 किलोमीटर लंबी समुद्र के नीचे की सुरंग का निर्माण भी शुरू हो चुका है.
मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. अब तक 336 किलोमीटर के पियर फाउंडेशन और 225 किलोमीटर के गिर्डर लॉन्चिंग का काम पूरा हो चुका है. यह प्रोजेक्ट न केवल भारत के ट्रांसपोर्ट सेक्टर में क्रांति लाएगा, बल्कि इसे देश के आर्थिक विकास के लिए भी अहम माना जा रहा है.
मुंबई-अहमदाबाद के बाद अब सरकार दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर फोकस कर रही है. इस कॉरिडोर के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही है. यह परियोजना उत्तर प्रदेश के कई प्रमुख शहरों को कवर करेगी और ट्रैवल टाइम को काफी कम कर देगी. इसके अलावा, दिल्ली-अहमदाबाद, दिल्ली-अमृतसर और मुंबई-नागपुर जैसे अन्य कॉरिडोर भी प्रस्तावित हैं.
दिल्ली-वाराणसी और वाराणसी-हावड़ा जैसे कॉरिडोर की योजना DPR और फंडिंग पर निर्भर है. इन प्रोजेक्ट पर बहुत ज्यादा फंडिग की जरूरत है. साथ ही इनके क्रियान्वयन के लिए आर्थिक और तकनीकी व्यावहारिकता का आकलन जरूरी है. सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है ताकि देश के बड़े हिस्से को हाई-स्पीड रेल नेटवर्क से जोड़ा जा सके.
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