Benefits of Bridge pose: पेट की मांसपेशियों और कूल्हे के फ्लेक्सर्स को मजबूत करने के लिए ये बेहतरीन योग आसन है. ब्रिज पोज आपको वजन नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. खासतौर से अगर आपके पेट और कमर पर चर्बी जमी है तो आपको ये आसन जरूर करना चाहिए. इसके और कौन से फायदे हैं, आइये जानते हैं.
अगर आपको आर्थराइटिस है या जोडों में दर्द रहता है तो ब्रिज पोज योग जरूर करें. क्योंकि यह योग आसन कूल्हों, कमर और घुटनों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. जिन लोगों को गठिया की समस्या होती है, उनको नियमित रूप से सेतुबंधासन का अभ्यास करना चाहिए.
ब्रिज पोज योग करने से अस्थमा की परेशानियां कम होती हैं.यह फेफड़ों को खोलता है, जिसकी वजह से सांस से जुडी तमाम जटिलताएं कम हो जाती हैं. इस योग को अस्थमा के मरीजों को जरूर करना चाहिए.
ब्रिज पोज गहरी सांस लेने और शरीर में जमा शारीरिक तनाव को दूर करके बॉडी को रिलैक्स करता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि ब्रिज पोज तंत्रिका तंत्र को भी उत्तेजित करता है, जो मन को शांत करने और तनाव के स्तर को कम करने में मदद करता है. अगर आप इसे रोज करते हैं तो आपका स्ट्रेस आपको प्रभावित नहीं कर पाएगा.
ब्रिज पोज में रीढ़ की हड्डी को धीरे-धीरे मोड़ने से लचीलापन और गतिशीलता बढ़ती है, खास तौर पर पीठ के निचले हिस्से में. नियमित रूप से करने से यह अकड़न को कम कर सकता है, पीठ दर्द को रोक सकता है और एक्टिवनेस को सपोर्ट कर सकता है, जिससे हर दिन का काम आप बिना दर्द के कर सकते हैं.
इस योग आसन से मेटाबोलिज्म बेहतर होता है और वेट मैनेज करने में मदद मिलती है. जब आप इसे रोजाना करते हैं तो आप पाएंगे कि आपके पेट पर जमी चर्बी कम हो गई है और मांसपेशियां टोन हो गई हैं. इसे करने से कूल्हे शेप में आते हैं और पेट में जमी चर्बी धीरे-धीरे खत्म हो जाती है.
(Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)
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