Bon Religion: बोन धर्म तिब्बत का एक बेहद पुराना धर्म है, जिसमें राक्षसों और देवताओं दोनों की पूजा की जाती है. तिब्बत में आज भी इस धर्म को मानने वाले कई लोग हैं. यहां की शमनवाद समेत कई अनोखी प्रथाएं प्रचलित है.
बॉन तिब्बत का एक स्वदेशी धर्म है. इसमें शामनवाद से जुड़ी प्रथाएं शामिल हैं. इस धर्म को युगंड्रुंग बोन भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है शाश्वत बोन. शामनवाद एक प्राचीन अध्यात्मिक हीलिंग पद्धति की हिस्सा है. यह थोड़ा अधंविश्वासी भी हो सकता है.
'स्टडी डॉटकॉम' की एक रिपोर्ट के मुताबिक आठवीं और नौवीं शताब्दी में बोन धर्म भारत से तिब्बत पहुंचा था. यह धर्म बौद्ध धर्म से काफी ज्यादा प्रभावित है. तिब्बत में आज भी इस धर्म को मानने वाले कई लोग हैं. तिब्बत में इस धर्म को आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त है. यहां पर इसके 300 मठ हैं.
'द रुबिन म्यूजियम' के मुताबिक बॉन तिब्बती सम्राटों के दरबार में गैर-बौद्ध अनुष्ठान विशेषज्ञों का एक समूह हुआ करता था. बॉन के अनुयायी को बोनपो कहा जाता है. इस धर्म को मानने वाले देवता के साथ भूतों और राक्षसों में भी विश्वास करते हैं. वे इन्हें संतुष्ट करने के लिए अनुष्ठान भी करते हैं. इस धर्म में कई देवता हैं, जिनमें शेनला ओकर, सांगपो बुमत्री और टोनपा शेनराब मिवोचे प्रमुख हैं.
बॉन धर्म में मृत्यु अनुष्ठान को काफी महत्व दिया जाता है. इस धर्म में माना जाता है कि मृत्यु के बाद आत्मा मध्यवर्ती अवस्था में प्रवेश करती. इस डेथ रिचुअल में पुजारी आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए विशेष पूजा और मंत्रों का जाप करते हैं. इस दौरान वे आत्मा को संबोधित करते हुए और उसे सुरक्षित रखने की प्रार्थना करते हैं.
बोन धर्म में व्यक्ति के मरने के बाद उसे उसके साथ कुछ गहनें, घोड़े, याक और भेड़िये जैसे कुछ जानवर दफनाए जाते हैं. इतना ही नहीं उनके साथ खाने-पीने की चीजें भी रखीं जाती हैं ताकि मृत्यु के बाद शमनवाद के जरिए वे इसका लाभ उठा सकें. इस धर्म में रक्त बलिदान की प्रथा है, जिसमें किसी भेड़ या बकरे की बलि देकर उसके रक्त को एक बर्तन में इकट्ठा किया जाता है. माना जाता है कि इससे आत्माएं और देवता प्रसन्न होते हैं
बोन धर्म में तांत्रिक से जुड़ी प्रथाएं होती हैं, जिसमें मंत्रों और यंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है. इस धर्म में आत्माओं और राक्षसों को प्रसन्न करने की मान्यता है. इसके लिए राक्षसों और आत्माओं को भोजन चढ़ाया जाता है. इसमें आत्माओं को मक्खन चढ़ाया जाता है. माना जाता है कि इससे आत्माएं संतुष्ट होती हैं.
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