Vande Bharat Sleeper Coach: सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत का सफर यात्रियों को खूब पसंद आ रहा है. इसी की सफलता को देखते हुए रेलवे बोर्ड की तरफ से स्लीपर वंदे भारत को पटरियों पर दौड़ाने का फैसला किया गया. पहले स्लीपर वंदे भारत के मार्च तक संचालित होने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन अभी उसमें छह महीने की देरी होने की उम्मीद है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले दिनों कहा कि पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के अगले छह महीने में पटरियों पर दौड़ने के लिए तैयार हो सकती है.
पिछले दिनों केंद्रीय रेल मंत्री ने वंदे भारत स्लीपर कोच के निर्माण की प्रगति को देखा था. वो निर्माण से जुड़ी प्रगति को देखने के लिए बेंगलुरु में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड ( BEML) पहुंचे थे. मौजूदा स्लीपर कोच में ट्रेन की छत और अपर बर्थ के बीच जगह कम होती है. इससे यात्री को परेशानी होती है.
वैष्णव ने बताया कि वंदे भारत के नए स्लीपर कोच की बॉडी ज्यादा ऊंचाई वाली होगी. यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर छत को फिर से डिजाइन किया गया है. उम्मीद की जा रही है कि छह महीने बाद 16 कोच वाली वंदे भारत के 10 स्लीपर कोच का ट्रायल किया जाएगा. वैष्णव ने कहा, ट्रायल सफल होने के बाद कोच का बड़े पैमाने पर निर्माण शुरू होगा.
उन्होंने यह भी कहा कि सभी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में 'कवच' सिस्टम को फिट किया जाएगा. इंटरनेशल लेवल पर एक कोच के निर्माण की लागत करीब 10 करोड़ रुपये है. हालांकि, देश में एक वंदे भारत स्लीपर कोच को तैयार करने में 8 से 9 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है .
एक कोच में करीब 67 यात्रियों के सफर करने की सुविधा होगी. वैष्णव ने बताया कि नई स्लीपर ट्रेन की खासियतों में स्टेनलेस स्टील की बॉडी, टक्कर सहन करने वाले एलीमेंट, ऑटोमेटिक आउटडोर और सेंसर बेस्ड इंटरकम्यूनिकेशन डोर शामिल हैं. वैष्णव ने बताया ट्रेन में चढ़ने के लिए सीढ़ी के नीचे के हिस्से को यात्रियों के आसान प्रवेश के लिए बेहतर बनाया गया है.
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