Pakistan News: इमरान खान (Imran Khan) को पाकिस्तान (Pakistan) की अटक जेल में रखने के पीछे क्या नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) कनेक्शन है, इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं.
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Imran Khan Case: तोशाखाना केस (Toshakhana Case) में 3 साल की सजा सुनाए जाने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान (Imran Khan) की रात जेल में गुजर रही है. उन्हें पाकिस्तान के पंजाब राज्य के उत्तर में मौजूद आखिरी जिले अटक की जेल में रखा गया है जो कि एक हाई सिक्योरिटी जेल है. जेल के अंदर ही नहीं, जेल के बाहर भी कड़ा पहरा है. पुलिस के जवान जेल के चारों तरफ पहरा दे रहे हैं. जेल जाने के रास्ते पर भी बैरिकेड लगाए गए हैं ताकि इमरान खान के समर्थक जेल के करीब भी न फटक सकें. इमरान को अटक जेल में रखे जाने पर नवाज शरीफ कनेक्शन की भी चर्चा अब होने लगी है, आइए इसके बारे में जानते हैं.
अटक में कैद किए गए इमरान खान
जान लें कि पाकिस्तान की अटक जेल जहां इमरान खान को कैद किया गया है. वहां कुख्यात और खतरनाक आतंकी बंद हैं. जेल के अंदर हालात भी काफी सख्त और मुश्किल बताए जाते हैं. शनिवार को इस्लामबाद की कोर्ट ने जैसे ही इमरान खान को 3 साल की सजा सुनाई उसके कुछ ही मिनटों में पुलिस ने लाहौर में जमान पार्क में मौजूद उनके घर से गिरफ्तार कर लिया.
इमरान को अटक में ही क्यों रखा गया?
पहले इमरान खान को हेलिकॉप्टर के जरिए इस्लामाबाद ले जाया जाना था लेकिन ऐन वक्त पर उन्हें सड़क के रास्ते इस्लामाबाद लाया गया. पहले खबर थी कि इमरान खान को इस्लामाबाद की जेल में रखा जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. शाम को ही अटक जेल भेज दिया गया. इसे नवाज शरीफ का बदला माना जा रहा है. दरअसल जिस वक्त इमरान प्रधानमंत्री थे तब नवाज शरीफ को इसी अटक जेल में रखा गया था इसलिए इसे बदला कहा जा रहा है. हालांकि, इसमें कितनी सच्चाई है ये किसी को नहीं पता है.
वकील से भी मिलने की इजाजत नहीं
बताया जा रहा है कि इमरान खान को जेल की बैरक में रखा गया है. इमरान खान के वकील उनसे मिलना चाहते थे लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें मिलने नहीं दिया. इमरान खान के वकीलों का कहना है कि उन्होंने अटक जेल के सुप्रीटेंडेंट और एडिशनल होम सेक्रेटरी से भी बात की. लेकिन उन्हें इमरान खान से मिलने की इजाजत नहीं दी गई.
गौरतलब है कि 70 साल के इमरान खान को सिर्फ 3 साल की सजा ही नहीं हुई, बल्कि उनका राजनीतिक करियर भी खतरे में आ चुका है. कोर्ट के इस फैसले के बाद इमरान अगले 5 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. हालांकि, इमरान को अब ऊपरी अदालत से उम्मीद है कि उनकी सजा पर रोक लग जाए.