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Tigers Fast On Saturday: बाघों को हम धरती के सबसे खतरनाक और बेरहम जीवों में से एक मानते हैं. ये मांसाहारी जानवर प्रकृति द्वारा शिकार करने के लिए बनाए गए हैं, और ये अपना शिकार करते समय बिल्कुल दया नहीं दिखाते. बाघ पूरी तरह से मांसाहारी होते हैं और जिंदा रहने के लिए सिर्फ मांस खाते हैं. लेकिन एक चिड़ियाघर में इन मांसाहारी जानवरों को हफ्ते में एक दिन भूखा रखा जाता है. उस दिन उन्हें बिल्कुल भी मांस नहीं मिलता. आखिर ये शिकारी जानवर इतने अलग व्यवहार क्यों कर रहे हैं? बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल के सेंट्रल चिड़ियाघर में एक खास नियम है. वहां के रखवाले जानबूझकर बाघों को हफ्ते में एक पूरा दिन (शनिवार) भूखा रखते हैं.
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हर शनिवार को कराया जाता है उपवास
चिड़ियाघर के सूचना अधिकारी गणेश कोइराला के अनुसार, बाघों की सेहत को बेहतर बनाने के लिए उन्हें हर शनिवार को ‘उपवास’ कराया जाता है. इस दौरान बाघों को कोई दिक्कत नहीं होती. गणेश कोइराला ने बताया कि, "बाघों का वजन न बढ़े, इसलिए उन्हें उपवास कराया जाता है." चिड़ियाघर में, मादा बाघों को रोजाना 5 किलो भैंस का मांस और नर बाघों को 6 किलो मांस दिया जाता है. लेकिन शनिवार के दिन उन्हें मांस नहीं खिलाया जाता. ऐसा उनके पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए किया जाता है. दरअसल, जब ये जानवर बहुत मोटे हो जाते हैं, तो उन्हें कई तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है.
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अच्छी सेहत के लिए कर रहे ऐसा
दवाइयों पर निर्भर रहना भले ही सेहत को ठीक रखने का आसान तरीका लगे, लेकिन ये सही नहीं है. इससे आगे चलकर परेशानी भी हो सकती है. अच्छी सेहत के लिए नियमित दिनचर्या और संतुलित आदतें ज़्यादा फायदेमंद होती हैं. विशेषज्ञों ने पाया है कि मांसाहारी जीवों को भी हफ्ते में एक दिन उपवास कराने से उनकी सेहत काफी अच्छी रहती है.
बाघ अपने कई तरह के खानपान के लिए जाने जाते हैं. छोटे दीमक से लेकर हाथी के बच्चों तक, ये सब कुछ खाते हैं. लेकिन, मुख्य रूप से ये बड़े जानवरों का ही शिकार करते हैं, जिनका वजन कम से कम 20 किलो होता है. इन बड़े जानवरों में हिरन, जंगली सुअर, गाय, घोड़े, भैंसे और बकरियां शामिल हैं. कभी-कभी ये जंगली कुत्तों, भालुओं और हाथी-गेंडों के बच्चों को भी अपना शिकार बना लेते हैं.