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Trending News: आजमगढ़ पुलिस ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है जो पुलिस इंस्पेक्टर बनकर मैट्रिमोनियल साइट के जरिए लड़कियों के साथ साल 2020 से ठगी करता था. इसके लिए वह इंस्टाग्राम का भी सहारा लेता रहा. इससे एक बात स्पष्ट है की वर्दी का प्रभाव सबसे ज्यादा है और इसलिए लोग अपना दामाद पुलिस अधिकारी को बनाना चाहते है. उसी सामाजिक प्रभाव को इस ठग ने भुनाया. ये बलिया, मिर्जापुर, लखनऊ और इलाहाबाद में सक्रिय रहा. इस पर पहले से इलाहाबाद व लखनऊ में मुकदमे लिखे जा चुके हैं. आजमगढ़ में आर्म्स एक्ट में पंजीकृत किया गया.
पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी
इनके पास से उपनिरीक्षक की वर्दी, नेम प्लेट सहित फर्जी परिचय पत्र, लोगो, मोनोग्राम स्टार, अवैध तमंचा, कारतूस, फर्जी नंबर प्लेट की वैगनार व स्विफ्ट कार बरामद किया गया. आज़मगढ़ जिले की पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली, जिसमें पुलिस ने साइबर के माध्यम से ठगी करने वाले गैंग जो पुलिस की वर्दी में शादी से संबंधित वेबसाइट के माध्यम से लोगों को ठगने वाले अन्तर्जनपदीय गैंग का खुलासा कर मुख्य आरोपी समेत 4 को पकड़ा है. इस गैंग के खुलासे में मुबारकपुर और शहर कोतवाली पुलिस ने कार्रवाई की.
वर्दी में फोटो खिंचवाकर डाल देता था शादी वाले वेबसाइट पर
जानकारी के मुताबिक, मुख्य ठग पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी में फोटो विवाह वाले वेबसाइट पर डालकर शादी के लिए प्रपोजल डाल देता. उसके बाद उसे कुछ ऑफर आने लगते और वो लड़की या उसके परिवार वालों के संपर्क में आ जाता. लड़की की प्रोफाइल विवाह वाले साइट से और इंस्टाग्राम की साइट से हटवा देता ये कहकर कि अब तो हमारा संबंध फाइनल हो चुका है. बात करते-करते एक दिन अचानक से लड़की वालों से कहता कि मेरे मां को हार्ट अटैक आ गया है. इलाज के लिए 10 लाख लगेंगे. मेरे पास 2 लाख कम पड़ रहे है और ये लड़की वालों से पैसे ले लेता और उसके बाद अपना मोबाइल नंबर ही बंद कर देता था.
पुलिस ने दर्ज कर लिया मुकदमा
अपनी पोजीशन को साबित करने के लिये यह किसी बड़े नेता या पुलिस वालों के साथ फोटो भी खिंचवा कर इंस्टाग्राम पर डालता रहता था. मुख्य आरोपी बलिया का रहने वाला धीरज सिंह है, जिस पर आधा दर्जन से अधिक मुकदमे हैं. यह मुकदमे लखनऊ, प्रयागराज और आजमगढ़ में दर्ज है. पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि सुख-सुविधा और समाज में रुतबा जमाने के लिये काफी दिनों से यूपी दरोगा की वर्दी पहनकर धोखा देने के लिए फर्जी नेम प्लेट व परिचय पत्र अपने मामा पंकज सिंह के सहयोग से बनवाया. उन्हें जो भी फायदा मिलता, उसे मिल बांटकर ऐसो-आराम करते हैं.
इनके तीन अन्य साथी बलिया जिले के ही रहने वाले पंकज सिंह, राजेश सिंह व प्रवीण प्रताप सिंह हैं. ये इस पूरे काम में इसके सहयोगी रहे, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है. एसपी सिटी ने बताया कि उनकी हिस्ट्रीसीट खोली जायेगी. इनके विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए प्रॉपर्टी की जप्तीकरण और उनके गैंग का पंजीकरण किया जायेगा.
रिपोर्ट: वेदेन्द्र प्रताप शर्मा