Mahakumbh Wedding Viral News: प्रयागराज के महाकुंभ मेला 2025 में दिल्ली के सिद्धार्थ शिव खन्ना ने ग्रीस की पेनेलोप से हिंदू रीति-रिवाज से शादी की. इस अनोखी शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. पेनेलोप ने भारतीय परंपराओं को अपनाते हुए इसे अपनी जिंदगी का खास अनुभव बताया. चलिए जानते हैं विस्तार से...
प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ 2025 के दौरान ग्रीस की एक लड़की और दिल्ली के एक लड़के की शादी हिंदू रीति-रिवाज से संपन्न हुई. ग्रीस की पेनेलोप ने 26 जनवरी को अपने प्रेमी और योगा इंस्ट्रक्टर सिद्धार्थ शिव खन्ना से शादी की. इस शादी में साधु-संत बराती बने और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि ने पेनेलोप का कन्यादान किया. पिछले 16 दिनों में महाकुंभ में 13 करोड़ लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई है.
ग्रीस की पेनेलोप अपनी मां के साथ प्रयागराज के महाकुंभ में शुरुआत से ही मौजूद हैं. 26 जनवरी को हिंदू रीति-रिवाज से सिद्धार्थ शिव खन्ना से शादी के बाद पेनेलोप बेहद खुश नजर आईं. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म खुशहाल जीवन जीने और जन्म-पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति पाने का रास्ता दिखाता है. पेनेलोप ने यह भी बताया कि वे 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगी.
दुल्हन बनीं पेनेलोप ने एथेंस के एक विश्वविद्यालय से टूरिज्म मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन किया. डिग्री पूरी करने के बाद उनका झुकाव योग की तरफ बढ़ा, जिसके लिए उन्होंने एक स्थानीय जिम में योग की ट्रेनिंग लेना शुरू किया. दूसरी ओर दूल्हा सिद्धार्थ शिव खन्ना एक अंतर्राष्ट्रीय योगा इंस्ट्रक्टर हैं और नई दिल्ली के वेस्ट पंजाबी बाग के रहने वाले हैं.
करीब 9 साल पहले योग सीखने के लिए पेनेलोप थाईलैंड गई थीं, जहां उनकी मुलाकात सिद्धार्थ शिव खन्ना से हुई. यह मुलाकात धीरे-धीरे दोस्ती में बदली और फिर दोस्ती प्यार में बदल गई. दोनों के बीच का रिश्ता इतना गहरा हो गया कि उन्होंने शादी करने और जीवन भर एक-दूसरे के साथ रहने का फैसला किया. महाकुंभ 2025 के दौरान, दोनों ने हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह कर अपने रिश्ते को नया आयाम दिया. यह शादी उनके प्रेम की गहराई और भारतीय संस्कृति के प्रति पेनेलोप के लगाव को दर्शाती है.
पेनेलोप ने बताया कि शादी के फैसले के बाद सिद्धार्थ ने उनसे पूछा था कि वे शादी कहां करना चाहेंगी. इस पर उन्होंने भारत में शादी करने की इच्छा जताई. इसी कारण वे प्रयागराज के महाकुंभ में आईं और सिद्धार्थ के साथ हिंदू रीति-रिवाजों से एक दिव्य और आध्यात्मिक शादी की. यह अवसर उनके लिए बहुत खास और यादगार बन गया.
पेनेलोप ने यह भी साझा किया कि इससे पहले उन्होंने कभी किसी भारतीय शादी में हिस्सा नहीं लिया था. लेकिन एक दुल्हन के रूप में भारतीय परंपराओं का हिस्सा बनना उनके लिए एक अनोखा और खूबसूरत अनुभव था. भारतीय संस्कृति और रीति-रिवाजों ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया, और इस शादी ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी.
पेनेलोप पहले बौद्ध धर्म से जुड़ी थीं, लेकिन उन्होंने महसूस किया कि खुशहाल जीवन जीने का मार्ग सनातन धर्म में ही है. पिछले कुछ वर्षों से वे सनातन धर्म की अनुयायी बन गई हैं. दिलचस्प बात यह है कि पेनेलोप और सिद्धार्थ दोनों जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि जी के शिष्य हैं.
महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने बताया कि 26 जनवरी को महाकुंभ के शिविर में भारतीय परंपरा और रीति-रिवाजों के अनुसार सिद्धार्थ और पेनेलोप की शादी संपन्न करवाई गई. यह विवाह सनातन धर्म की आध्यात्मिक गहराई और भारतीय संस्कृति की समृद्धि का प्रतीक बन गया.
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