मुगलों ने नहीं अंग्रेजों ने लगाया था ताजमहल पर फाउंटेन, बिना ईंधन-बिजली के चलते थे पंप
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मुगलों ने नहीं अंग्रेजों ने लगाया था ताजमहल पर फाउंटेन, बिना ईंधन-बिजली के चलते थे पंप

Mughals Dynasty: ताजमहल के आसपास के पूरे इलाके में अंग्रेजों के लगाए पांच पंप पानी की सप्लाई करते थे और यह विशेष पंप बिना बिजली और अन्य किसी ईंधन के हवा और पानी के दबाव से संचालित होते थे.

 

मुगलों ने नहीं अंग्रेजों ने लगाया था ताजमहल पर फाउंटेन, बिना ईंधन-बिजली के चलते थे पंप

Mughal Time Taj Mahal Fountain: सातवें अजूबे ताजमहल की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाले फव्वारे और पानी की सप्लाई का श्रेय शाहजहां को दिया जाता है पर यह सच नहीं है, आगरा के हेरिटेज लवर्स ने एक वॉट्सएप ग्रुप बनाकर संयुक्त रूप से पानी की सप्लाई के बारे में रोचक जानकारियां जुटाई हैं. इनके हिसाब से ताजमहल के आसपास के पूरे इलाके में अंग्रेजों के लगाए पांच पंप पानी की सप्लाई करते थे और यह विशेष पंप बिना बिजली और अन्य किसी ईंधन के हवा और पानी के दबाव से संचालित होते थे.

व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर दी जा रही जानकारी

हेरिटेज लवर्स ग्रुप के सदस्य गोपाल सिंह, ब्रज खंडेलवाल, मुकुल पांडेया, मेहराउद्दीन , योगेश शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से इकट्ठा की गई जानकारी के अनुसार, ताजमहल और उसके आसपास पानी की सप्लाई के लिए ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड कर्जन ने लंदन की कंपनी जॉन ब्लेक लिमिटेड से पांच विशाल वाटर सप्लाई पंप भारत मंगवाकर यहां लगवाए थे. इन पंपों की खासियत यह थी की यह बिना ईंधन और बिजली के हवा और पानी के दबाव से काम करते थे. पानी की सप्लाई के लिए यमुना के साथ उखर्रा नहर जिससे कि शाहजहां गार्डन और सर्किट हाउस आदि जगह पानी की सप्लाई होती थी. का इस्तेमाल किया जाता था अब वर्तमान में यह नहर लुप्त हो चुकी है।

कई हैरान करने वाले हुए खुलासे

हेरिटेज लवर्स ग्रुप के सदस्य गोपाल सिंह और मेहराउद्दीन ने बताया कि अंग्रेजों ने इन 5 पंपों के जरिए शाहजहां पार्क और ताजमहल के पूरे इलाके में वाटर सप्लाई दी थी. लंदन की जॉन ब्लैक लिमिटेड नामक कंपनी ने इन पंपों को बनाया था यह कंपनी अभी भी अस्तित्व में है. हेरिटेज लवर्स ग्रुप के सदस्य गोपाल सिंह ने बताया कि उत्सुकतावश जब इन पंपों का हेरिटेज ग्रुप में निरीक्षण किया तो इस कंपनी का नाम सामने आया. गूगल सर्च करने पर कंपनी के एमडी को मेल किया गया और इन पंपों के बारे में जानकारी मांगी गई. हैरानी की बात यह है कि इस कंपनी के प्रतिनिधि कुछ दिन पहले आगरा में इन्ही पंपों की खोज के लिए लंदन से आए थे लेकिन उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली.

अंग्रेजों के जमाने में पानी की सप्लाई

कंपनी के प्रतिनिधि इन पंपों की जानकारी पाकर खुश हैं. हेरिटेज ग्रुप के सदस्य मेहराजउद्दीन ने बताया कि वह शासन प्रशासन से इस बात की अपील करते हैं कि इन पंपों को दोबारा शुरू किया जाए और अंग्रेजों के जमाने में जिस तरह पानी की सप्लाई को अंजाम दिया था. उसी तरह दोबारा इसे चालू किया जाए अन्यथा की स्थिति में इन पंपों को शाहजहां गार्डन और अन्य स्थानों से निकालकर निर्माणाधीन छत्रपति शिवाजी म्यूजियम में संरक्षित धरोहर के तौर पर रखा जाए.

पुरातत्व विभाग और सिंचाई विभाग को ज्ञापन भेजा

हेरिटेज लवर्स ग्रुप के सदस्यों की माने तो यह जानकारी उन्हें दो मालियों से मिली थी, जिसमें से एक दाता राम अब इस दुनिया में नहीं हैं. वर्तमान में यह पंप खराब हो चुके हैं और जंग लगकर बेकार हो रहे हैं ग्रुप के सदस्यों ने काफी मशक्कत के बाद लंदन की कंपनी के बारे में जानकारी जुटा कर उनसे संपर्क किया और उन्हें पंप की मरम्मत के लिए राजी कर लिया है. सदस्यों द्वारा मंडलायुक्त अमित गुप्ता, जिलाधिकारी नवनीत चहल, पुरातत्व विभाग और सिंचाई विभाग को ज्ञापन भेजा जा चुका है. हेरिटेज ग्रुप के सदस्यों की मांग है कि अभी पानी की सप्लाई सबमर्सिबल से होती है और इससे भूमि का जलस्तर कम हो रहा है.

उखर्रा नहर को दोबारा शुरू किया जाए और इन पंपों की मरम्मत लंदन की कंपनी द्वारा करवाकर इन्हें दोबारा चालू कराया जाए. किन्ही कारणों से अगर ऐसा नहीं हो पा रहा है तो इन्हें संरक्षित कर म्यूजियम में रखा जाए और डिस्प्ले कर इनके काम के तरीके के बारे में लोगों को जानकारी दी जाए. मामले में प्रशासन की तरफ से अभी कोई जवाब नहीं आया है.

रिपोर्ट- सैय्यद शकील

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