Laysan Albatross bird: दुनिया की सबसे बुजुर्ग जंगली चिड़िया, विजडम, ने 74 साल की उम्र में एक और अंडा दिया है. लेसन अल्बाट्रॉस प्रजाति की इस चिड़िया को पहली बार 1956 में टैग किया गया था. विजडम की यह उपलब्धि पक्षी विज्ञानियों के लिए एक चमत्कार है, क्योंकि इस प्रजाति के पक्षी आमतौर पर 12 से 40 साल तक ही जीवित रहते हैं.
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Laysan Albatross world oldest bird: दुनिया भर में कई तरह की चिड़िया की प्रजातियां पाई जाती हैं, और हर चिड़ीया की जीवन प्रत्याशा अलग-अलग होती है. कुछ चिड़ियां 2 से 5 साल तक जीवित रहती हैं, जबकि कुछ चिड़ियां 60 से 70 साल तक जीवित रह सकती हैं. अगर हम दुनिया की सबसे पुरानी चिड़ीया की बात करें, तो वह है विजडम. यह जंगली चिड़ीया अब 74 साल की हो चुकी है.
लेसन अल्बाट्रॉस प्रजाति की पक्षी आमतौर पर 12 से 40 साल तक जीवित रहती हैं, लेकिन विजडम नामक यह चिड़ीया 74 साल की हो चुकी है. यह न केवल इतनी लंबी उम्र तक जीवित रही, बल्कि 74 साल की उम्र में उसने अंडा भी दिया है. इस कारण से विजडम अब दुनिया की सबसे उम्रदराज अंडा देने वाली चिड़ीया बन गई है. इस चमत्कारी घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोग खूब चर्चा हो रही हैं.
SHE DID IT AGAIN!
Wisdom, the world’s oldest known wild bird, is back with a new partner and just laid yet another egg.
At an approximate age of 74, the queen of seabirds returned to Midway Atoll National Wildlife Refuge last week and began interacting with a male. pic.twitter.com/6qomvs0rKL
— USFWS Pacific (@USFWSPacific) December 3, 2024
विजडम की असाधारण जीवन यात्रा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर @USFWSPacific नाम के अकाउंट से पोस्ट किया गया है. कि दुनिया की सबसे उम्रदराज जंगली पक्षी, विजडम, ने 74 साल की उम्र में एक और अंडा दिया है. 3 दिसंबर को इस पेज से विजडम की एक वीडियो भी शेयर की गई, जिसमें बताया गया कि विजडम, जो समुद्री पक्षियों की रानी मानी जाती है, मिडवे एटोल नेशनल वाइल्डलाइफ रिफ्यूज वापस लौटी और एक नए साथी के साथ बातचीत शुरू की. इसके बाद उसने यह अंडा दिया, जो उसका लगभग 60वां अंडा हो सकता है. यह अंडा देने की प्रक्रिया विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि विजडम और उसका साथी, अकेकामाई, पिछले कुछ सालों से साथ नहीं देखे गए थे, और अब विजडम ने नए साथी के साथ अपना अंडा दिया.
अधिकारियों के अनुसार, 'विजडम' और उसका साथी 'अकेकामाई' 2006 से लेकर अब तक प्रशांत महासागर के मिडवे एटोल पर लौटते आ रहे हैं, जहां वे घोंसला बनाते हैं और अपने अंडों की देखभाल करते हैं. हर साल इन पक्षियों का जोड़ी बनना और अंडे देना जारी रहता है, जो पर्यावरणीय अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण घटना होती है.
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लेसन अल्बाट्रॉस 74 साल की उम्र में वह अब भी प्रजनन
लेसन अल्बाट्रॉस की विजडम ने इससे 4 साल पहले, यानी 2021 में अंडा दिया था. अगर हम उसके पूरे जीवनकाल की बात करें, तो उसने 30 से ज्यादा अंडे दिए हैं. हालांकि, लेसन अल्बाट्रॉस चिड़ियों के बारे में यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि वे 5 साल की उम्र से पहले अंडा देती हैं या नहीं. विजडम की उम्र को देखते हुए उसका यह अंडा देना एक उल्लेखनीय घटना है, क्योंकि 74 साल की उम्र में वह अब भी प्रजनन प्रक्रिया में सक्रिय है, जो अन्य पक्षियों के लिए एक असाधारण बात मानी जाती है.
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लगभग 74 साल पहले की गई थी पहचान
लेसन अल्बाट्रॉस प्रजाति की इस चिड़ीया की पहचान 68 साल पहले, 1956 में की गई थी, जब इसकी अनुमानित उम्र लगभग 5 साल थी, यानी इसका जन्म 1951 में हुआ था. उस समय, यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने इसे टैग किया और इस चिड़ीया को Z333 टैग दिया था, जो आज भी उसकी पहचान के रूप में उपयोग किया जाता है. विजडम की उम्र को देखकर रिसर्चर्स भी हैरान हैं, क्योंकि उसकी उम्र इस प्रजाति के अन्य पक्षियों की अपेक्षाकृत बहुत लंबी है. लेसन अल्बाट्रॉस प्रजाति की अधिकांश चिड़ियां अपना 90 प्रतिशत जीवन आसमान में उड़ते हुए बिताती हैं, जिससे इन पर सही से अध्ययन और रिसर्च करना काफी मुश्किल होता है. यही कारण है कि इन पक्षियों के जीवनकाल और प्रजनन के बारे में जानकारी जुटाने में वैज्ञानिकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. फिर भी, विजडम ने अपनी लंबी उम्र और अंडा देने के मामले में रिसर्चर्स के लिए एक आश्चर्यजनक उदाहरण प्रस्तुत किया है.
भाषा