IAS ऑफिसर ने बताई अपने बेटी के बारे में बताई ऐसी चीज, जानकर आप भी करना चाहेंगे फॉलो
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IAS ऑफिसर ने बताई अपने बेटी के बारे में बताई ऐसी चीज, जानकर आप भी करना चाहेंगे फॉलो

IAS Officer Divya Mittal: लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या आदर्श माता-पिता होने का कोई मंत्र है? फिलहाल, यह कभी नहीं पता चल सकता लेकिन एक आईएएस अधिकारी ने यह जरूर बताया कि पॉजिटिव तरीके से बच्चों का कैसे पालन-पोषण करना चाहिए.

IAS ऑफिसर ने बताई अपने बेटी के बारे में बताई ऐसी चीज, जानकर आप भी करना चाहेंगे फॉलो

IAS Officer Tips For Daughters: माता-पिता बनना एक कठिन काम है. पैरेंट्स न केवल अपने बच्चों के भविष्य का मार्गदर्शन करते हैं बल्कि उन्हें उनके मनमुताबिक सही राह दिखलाने का काम करते हैं. बचपन से ही छोटी-छोटी चीजों को बतलाना कि क्या सही है और क्या गलत. लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या आदर्श माता-पिता होने का कोई मंत्र है? फिलहाल, यह कभी नहीं पता चल सकता लेकिन एक आईएएस अधिकारी ने यह जरूर बताया कि पॉजिटिव तरीके से बच्चों का कैसे पालन-पोषण करना चाहिए. उन्होंने कुछ टिप्स लोगों के संग शेयर किये हैं, जिसे जरूर जानना चाहिए.

आईएएस ऑफिसर ने दी ऐसी सलाह

दिव्या मित्तल (Divya Mittal) नाम की इस आईएएस अधिकारी (IAS Officer) की दो छोटी लड़कियां हैं और वह अब माता-पिता से सीखी गई कुछ इनसाइट्स शेयर कर रही हैं. उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए लोगों को यह बताया कि कैसे उसकी मां ने 3 बच्चों की परवरिश की- सभी IIT गए, फिर IIM और अपने जीवन में अच्छा काम कर रहे हैं. फिर उन्होंने अपने सुझावों के साथ शुरुआत की. उन्होंने जो पहली बात साझा की वह यह थी कि अपने बच्चों को यह बताना होगा कि वे कुछ भी कर सकते हैं. इसे इतनी बार बताएं कि वे इस पर विश्वास करने लगें. यही विश्वास उनके भाग्य को परिभाषित करेगा.

 

 

बच्चों के साथ कैसे रहें और कहां पर दें साथ

उन्होंने कहा कि इसके बाद माता-पिता को अपने बच्चों को खुद आगे बढ़ने के लिए कहना चाहिए. बच्चों को अपनी तरीके से कूदने और गिरने देना चाहिए ताकि वे अपनी असफलताओं से सीख सकें और उठ सकें. उन्हें कूदने और खेलने दो, गिरने और चोट लगने दो. उन्हें उठाने के लिए परेशान न हों, वह खुद उठना सीखेंगे. तभी वे असफलता से उठना सीखेंगे. उनका तीसरा मंत्र बच्चों को प्रतिस्पर्धा करने और प्रतियोगिताओं में भाग लेने देना है ताकि वे असफलताओं से सहज हो सकें. दिव्या ने कहा, 'बच्चे प्रतियोगिताओं में भाग लें. वे हर बार नहीं जीतेंगे. लेकिन वे असफलता के साथ सहज हो जाएंगे. असफलता का डर असफलता से सफलता में बड़ी बाधा है.'

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