North Korea: जब छोटा बच्चा था किम जोंग, तब 16000 करोड़ में बना था ये होटल? लगी ऐसी पनौती अभी तक नहीं आया कोई गेस्ट
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North Korea: जब छोटा बच्चा था किम जोंग, तब 16000 करोड़ में बना था ये होटल? लगी ऐसी पनौती अभी तक नहीं आया कोई गेस्ट

North Korea news: आपने भारत से लेकर अमेरिका तक दुनिया के बड़े-बड़े महंगे और शानदार होटलों के बारे में सुना होगा. लेकिन आज आपको जिस होटल के बारे में बताने जा रहे हैं वो तब बना था जब तानाशाह किम जोंग उन छोटा बच्चा था. लेकिन उसमें ऐसी पनौती लगी कि अभीतक उसमें एक भी गेस्ट नहीं आ पाया.

North Korea: जब छोटा बच्चा था किम जोंग, तब 16000 करोड़ में बना था ये होटल? लगी ऐसी पनौती अभी तक नहीं आया कोई गेस्ट

Hotel of Doom Ryugyong Hotel: तानाशाह किम जोंग उन के देश उत्तर कोरिया में एक ऐसा शापित होटल है, जहां अभीतक एक भी गेस्ट नहीं पहुंचा है. बताया जाता है कि इस होटल को बनाने में हजारों करोड़ की लागत आई थी. लेकिन उसके बारे में हैरान करने वाली बात ये है कि बनने के दशकों बाद तक इसकी ओपनिंग नहीं हो सकी. आनी आज तक उस होटल में एक भी गेस्ट नहीं आया. अब उस होटल का इस्तेमाल एक विज्ञापन साइट के रूप में किया जाता है. इसका असली नाम रयुगयोंग होटल है.

जब छोटा बच्चा था किम जोंग उन तब बना था ये होटल

'द सन' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा लगता है कि 1987 में, उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में जिस भव्य नए होटल की नीव रखी गई थी उस समय कोई सही मुहूर्त नहीं होगा. पिरामिड के आकार की, सुपर ऊंची गगनचुंबी इमारत की ऊंचाई 1000 फीट से अधिक थी, और इसे कम से कम 3000 कमरों के साथ-साथ मनोरम दृश्यों के साथ पांच घूमने वाले रेस्तरां बनाने के लिए डिजाइन किया गया था. इसे बनाने का मकसद देश की आर्थिक और राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करना था. लेकिन 35 सालों से अधिक समय से यह खाली पड़ा हुआ है. रिपोर्ट्स के मुताबित किम की डेट ऑफ बर्थ 8 जनवरी 1984 है. यानी जब ये होटल बन रहा था तब आज का 'तानाशाह' छोटा बच्चा था.

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किम के महल से 20 किलोमीटर दूर है ये 'पनौती' होटल

अब इसे ‘होटल ऑफ डूम’ का उपनाम दिया गया है. यानी ऐसा शापित होटल जहां आज तक एक भी गेस्ट नहीं आया. किम जोंग उन के महल से इस होटल की दूरी करीब 20 किलोमीटर है. किम जोंग उन को उसे अपने काफिले के साथ यहां से गुजरने में बीस मिनट का वक्त भी नहीं लगता होगा. 1992 में इस होटल में निर्माण का काम रुक गया, क्योंकि सोवियत संघ के पतन के बाद उत्तर कोरिया को गंभीर आर्थिक संकट से जूझना पड़ा. यानी अगर इसका निर्माण समय पर पूरा हो जाता तब ये उस दौर का दुनिया का सबसे ऊंचा होटल होता. लेकिन दुर्भाग्य से अब इस होटल के नाम दुनिया की सबसे ऊंची खाली इमारत होने का रिकॉर्ड है. जिसे बनाने में अरबों रुपये की लागत आई थी.

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आज ऐसी है हालत

बताया जाता है कि आज की तारीख में जंग लगने की वजह से इस होटल का ढांचा कमजोर हो चुका है. इस होटल में 2018 में विशाल एलईडी पैनल लगाए गए थे. जिसके बाद से इसका इस्तेमाल उत्तर कोरिया की सरकार की प्रोपेगेंडा मशीनरी और किम जोंग उन के निजी प्रचार के लिए किया जाता है.

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