क्या आपने कभी देखा है "लाश वाला फूल"? 10 साल में सिर्फ एक बार खिलता है ये
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क्या आपने कभी देखा है "लाश वाला फूल"? 10 साल में सिर्फ एक बार खिलता है ये

Corpse Flower Bloom: ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य स्थित गीलॉन्ग बोटैनिक गार्डन में एक दुर्लभ और अजीबोगरीब घटना ने हजारों लोगों को आकर्षित किया. यहां पर 'कॉर्प्स फ्लावर' (Amorphophallus titanum) खिला, जो अपने सड़ते मांस जैसी गंध के लिए पॉपुलर है.

 

क्या आपने कभी देखा है "लाश वाला फूल"? 10 साल में सिर्फ एक बार खिलता है ये

Corpse Flower Bloom: हाल ही में, ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य स्थित गीलॉन्ग बोटैनिक गार्डन में एक दुर्लभ और अजीबोगरीब घटना ने हजारों लोगों को आकर्षित किया. यहां पर 'कॉर्प्स फ्लावर' (Amorphophallus titanum) खिला, जो अपने सड़ते मांस जैसी गंध के लिए पॉपुलर है. इस फूल को देखनें के लिए बड़ी संख्या में लोग बोटैनिक गार्डन पहुंचे, क्योंकि यह फूल हर 7 से 10 साल में केवल एक बार खिलता है और इसका खिलना 24 से 48 घंटे तक ही रहता है.

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पहली बार देखने का मौका

11 नवंबर, सोमवार को यह फूल खिलना शुरू हुआ, और पहले दिन ही लगभग 5,000 लोग इस अद्भुत घटना को देखने के लिए बोटैनिक गार्डन पहुंचे. गीलॉन्ग पार्क्स के रीसे मैकइल्वेना ने CNN को बताया कि इतनी बड़ी संख्या में लोग आने का मुख्य कारण था कि यह फूल बेहद दुर्लभ है और अगले 7-10 साल तक फिर से नहीं खिलेगा. जो लोग व्यक्तिगत रूप से इस फूल को नहीं देख पाए, उनके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की गई, ताकि दुनिया भर के लोग इस दुर्लभ घटना का हिस्सा बन सकें.

किस तरह गीलॉन्ग बोटैनिक गार्डन में आया 'कॉर्प्स फ्लावर'

यह फूल 2021 में एडिलेड साउथ ऑस्ट्रेलिया के राज्य हर्बेरियम से गीलॉन्ग बोटैनिक गार्डन लाया गया था. इसके बाद से यहां के माली और वनस्पति विशेषज्ञ इसे लगातार निगरानी में रखे हुए थे, ताकि इसके खिलने का सही समय पता चल सके. कॉर्प्स फ्लावर जिसे 'टाइटन अरम' भी कहा जाता है, इंडोनेशिया का मूल पौधा है और इसे IUCN (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर) द्वारा संकटग्रस्त के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.

गीलॉन्ग के मेयर अली वस्ती ने कहा कि यह फूल संरक्षण के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके प्राकृतिक आवास, सुमात्रा के जंगलों में अत्यधिक भूमि दोहन और वन कटाई के कारण काफी नुकसान हुआ है. यही कारण है कि अब इसे इंडोनेशिया में कानूनी रूप से संरक्षित किया गया है.

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दुनिया में सिर्फ कुछ सौ पौधे

इस फूल के बारे में IUCN के अनुसार, यह पौधा 30 से 40 साल तक जीवित रह सकता है, लेकिन यह अपनी प्राकृतिक स्थिति में बहुत दुर्लभ है और अब केवल कुछ सौ पौधे ही जंगली अवस्था में बच पाए हैं. कई देशों के बोटैनिकल गार्डन इस पौधे का संरक्षण कर रहे हैं, जिसमें कैलिफोर्निया का एक बोटैनिकल गार्डन भी शामिल है, जहां इसे 'डार्थ वेपर' के नाम से जाना जाता है.

कॉर्प्स फ्लावर की खासियत

कॉर्प्स फ्लावर दुनिया के सबसे बड़े फूलों में से एक है, जो 9 से 10 फीट तक ऊंचा हो सकता है. इसका फूल एक बड़े स्पैडिक्स से घिरा होता है, जो कच्चे मांस की तरह दिखता है, और यह फूल अपनी गंध के लिए प्रसिद्ध है. यह फूल उस समय के दौरान अपना विशेष रोटेन मांस जैसी गंध छोड़ता है, जब यह पूरी तरह से खिलता है, जिससे कीटों को आकर्षित किया जा सके.

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