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Brazil Weird Story: ब्राजील के दक्षिण-पश्चिमी अमेजन के जंगलों में एक अजीब और अनोखी कहानी छिपी हुई है. यह कहानी एक ऐसे आदमी की है जिसका नाम तानारू था. वह कम से कम 26 वर्षों तक अकेले इस जंगल में रहता था. तानारू का जीवन बहुत अलग था. वह लगातार अपने इलाके में घूमता, घर बनाता, खेती करता और शिकार करता था. लेकिन जो चीज उसे सबसे ज्यादा अनोखा बनाती थी, वह थी उसके घरों में बने बड़े-बड़े गहरे गड्ढे.
तानारू का अकेला जीवन
तानारू ने जंगल में अपने जीवन का अधिकांश समय अकेले बिताया. 1996 में, जब राष्ट्रीय आदिवासी पीपल्स फाउंडेशन (Funai) की एक टीम ने उसे संपर्क करने की कोशिश की, तो तानारू ने उनका विरोध किया और टीम की ओर तीर चलाया. यह दृश्य 2009 में आई डॉक्युमेंट्री कोरम्बियारा में दिखाया गया था. इसके बाद, 2007 में एक बार फिर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन तानारू ने फिर से मना कर दिया, जिससे एक सदस्य घायल हो गया. अगले 15 वर्षों तक तानारू को बिना किसी हस्तक्षेप के छोड़ दिया गया.
"होल वाले आदमी" की उपाधि
कई लोग तानारू को "होल वाले आदमी" के नाम से जानते थे क्योंकि उन्हें यह समझ में नहीं आता था कि तानारू अपने घरों में गहरे गड्ढे क्यों खोदता था. फुनाई के एक एजेंट, अल्टेयर अल्गायेर ने जो दशकों तक तानारू और उसके जंगल के इलाके की रक्षा करते रहे, द गार्जियन से कहा, "मुझे नहीं लगता कि ये गड्ढे उसके आध्यात्मिक दुनिया से जुड़े नहीं होंगे." इसका मतलब था कि तानारू शायद इन गड्ढों का उपयोग किसी धार्मिक या आध्यात्मिक कारण से करता था.
तानारू की मृत्यु और भूमि विवाद
2022 में, अल्गायेर ने तानारू को उसकी हैमॉक में मृत पाया. तानारू की मौत के बाद जिस जमीन पर वह कई सालों से रह रहा था (लगभग 19,800 एकड़), उसे लेकर विवाद शुरू हो गया. सरकारी अभियोजकों का कहना था कि चूंकि यह ज़मीन तानारू द्वारा ऐतिहासिक रूप से अधिग्रहित की गई थी, इसलिए इसे संरक्षित किया जाना चाहिए. हालांकि, ब्राजील सरकार ने अस्थायी-उपयोग प्रतिबंध लागू किए थे, जो तानारू के जीवित रहते हुए प्रभावी थे, लेकिन उसकी मृत्यु के बाद ये प्रतिबंध अमान्य हो गए. इसके बाद इस ज़मीन को लेकर कोई और कार्रवाई नहीं की गई.
क्या हैं कानूनी विवाद?
सैंड्रो सलोन्सकी जो उस क्षेत्र पर मालिकाना हक रखने वाले गैर-आदिवासी व्यक्तियों के वकील थे, उन्होंने ब्रिटिश समाचार पत्र से कहा, "ऐसी ज़मीन के सीमांकन की बात करना, जिस पर आदिवासी जनसंख्या का कोई अस्तित्व नहीं है, पूरी तरह से गलत है और हमारे संविधान में इसकी कोई जगह नहीं है." लेकिन संघीय सार्वजनिक अभियोजक, डैनियल लुइस डालबर्टो ने सलोन्सकी से असहमत होते हुए कहा, "यह क्षेत्र बहुत पहले ही सीमांकित किया जाना चाहिए था. तानारू की मृत्यु इस तथ्य को नहीं बदलती कि आदिवासी लोग इस भूमि पर सदियों से रहते आए हैं, और यह भूमि संघ की है." ब्राजील के संविधान के अनुसार, आदिवासी लोगों को अपनी जमीनों पर विशेष अधिकार होते हैं. सलोन्सकी ने तानारू को "तानारू लोगों का अकेला जीवित सदस्य" कहा.