डिलीवरी बॉय 3KM पैदल चलकर देने आया खाना देने, कस्टमर ने पूछा तो कहा- बीटेक हूं लेकिन
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डिलीवरी बॉय 3KM पैदल चलकर देने आया खाना देने, कस्टमर ने पूछा तो कहा- बीटेक हूं लेकिन

Food Delivery Agent: कुछ कस्टमर्स का अजीबोगरीब व्यवहार उनके तनाव के स्तर को और बढ़ा सकता है. हालांकि, ऐसी परिस्थितियों के बीच एक दिल को छू लेने वाली कहानी ऑनलाइन सामने आई है, जो एक व्यक्ति के सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डालती है.

 

डिलीवरी बॉय 3KM पैदल चलकर देने आया खाना देने, कस्टमर ने पूछा तो कहा- बीटेक हूं लेकिन

Food Delivery Boy: फूड डिलीवरी ऐप्स की सुविधा ने निस्संदेह लोगों के जीवन में सुधार किया है, लेकिन फूड एक्जक्यूटिव के सामने आने वाली चुनौतियों को याद रखना महत्वपूर्ण है. इन मेहनती व्यक्तियों को समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए अक्सर प्रतिकूल मौसम की स्थिति और भारी ट्रैफिक में भी दौड़-भाग करना पड़ता पड़ता है. दुर्भाग्य से, कुछ कस्टमर्स का अजीबोगरीब व्यवहार उनके तनाव के स्तर को और बढ़ा सकता है. हालांकि, ऐसी परिस्थितियों के बीच एक दिल को छू लेने वाली कहानी ऑनलाइन सामने आई है, जो एक व्यक्ति के सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डालती है.

कोविड में चली गई थी जॉब तो लौट गया घर

टेक कंपनी फ्लैश में मार्केटिंग मैनेजर प्रियांशी चंदेल ने लिंक्डइन पर एक स्विगी डिलीवरी एजेंट से जुड़ी एक घटना शेयर की. यह डिलीवरी एजेंट साहिल सिंह की कहानी है, जो आइसक्रीम ऑर्डर देने के लिए प्रियांशी चंदेल के आवास पर पहुंचा, जिसमें 30-40 मिनट की देरी हुई. देरी के बारे में परेशान प्रियांशी चंदेल ने साहिल से इसके पीछे का कारण पूछा. जैसे ही साहिल ने खाने का पार्सल दिया, उसने खुलकर प्रियांशी को अपने संघर्षों के बारे में शेयर किया. उसने बताया कि वह उसके अपार्टमेंट तक पहुंचने के लिए 3 किलोमीटर तक पैदल चला, क्योंकि उसके पास न तो पैसे थे और न ही कोई ट्रांसपोर्ट.

वापस जॉब पाने के लिए कर रहा अथक प्रयास

साहिल ने खुलासा किया कि उन्होंने इलेक्ट्रिकल और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिग्री ली है और पहले बायजू और निन्जाकार्ट जैसी कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं. हालांकि, महामारी के कारण उन्होंने अपनी नौकरी खो दी थी और जम्मू में अपने होमटाउन लौट गए थे. साहिल ने अपनी दुर्दशा व्यक्त की और कहा कि कैसे उनके फ्लैटमेट ने उनके पैसे का आखिरी हिस्सा ले लिया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके पास अपने मकान मालिक को भुगतान करने के लिए कुछ भी नहीं बचा था और उन्होंने एक हफ्ते से कुछ भी नहीं खाया था, केवल पानी और चाय पर जीवित थे.

अब लिंक्डइन यूजर ने उठाया शख्स का बीड़ा

अपनी योग्यता और अनुभव के बावजूद साहिल की आर्थिक परिस्थितियों ने उसे इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में धकेल दिया. साहिल की दुर्दशा से प्रभावित होकर प्रियांशी चंदेल ने उसकी मदद करने का बीड़ा उठाया. उसने लिंक्डइन पर अपनी कहानी शेयर की और यूजर्स से उसे नौकरी खोजने में सहायता करने का अनुरोध किया. उसने अपने ईमेल आईडी, मार्कशीट, प्रमाण पत्र और अन्य डॉक्यूमेंट की कॉपी भी उससे शेयर की. प्रियांशी ने इंटरनेट यूजर्स से अपील की, ऑफिस बॉय भूमिकाओं, प्रशासनिक कार्य, कस्टमर केयर, या किसी अन्य उपयुक्त पदों पर रिक्तियों की मांग की.

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