Unborn Baby: इस शोध के नतीजों को मेडिकल जर्नल द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में प्रकाशित किया गया. यह शोध ब्रिटिश वैज्ञानिकों और बेल्जियम के कुछ वैज्ञानिकों का एक साझा प्रयास था. इसमें कई अन्य बातें भी निकलकर सामने आई हैं.
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Toxic Air Pollution With Unborn Baby: आए दिन दुनियाभर के तमाम बड़ी संस्थाएं और कई रिपोर्ट्स इस बात को बताती रहती हैं कि पूरी दुनिया में प्रदूषण का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है. यह आगे चलकर और भी खतरनाक हो जाएगा. इसके प्रभाव अभी से ही चौंकाने वाले दिख जाते हैं. इसी कड़ी में वैज्ञानिकों के सामने एक ऐसी घटना सामने आई जिसने उन्हें हिलाकर रख दिया है. यह पाया गया है कि प्रदूषण के कुछ खतरनाक कार्बन अब अजन्में बच्चे के दिमाग और फेफड़ों में भी घुस गया है.
प्रदूषण का स्तर इस हद तक पहुंच गया
दरअसल, द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन की एबरडीन यूनिवर्सिटी और बेल्जियम की हैसेल्ट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने संयुक्त रूप से इस शोध पर काम किया और यह परिणाम सामने आया है. इस परिणाम के बाद वैज्ञानिकों का माथा घूम गया है और वे हैरत में हैं कि प्रदूषण का स्तर इस हद तक पहुंच गया है. इसका प्रभाव अब गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ गया है.
लिवर, फेफड़े और दिमाग शामिल
रिपोर्ट्स के मुताबिक शोध से पता चला है कि कार्बन के ये जहरीले कण मां के शरीर में प्रवेश करने के बाद प्लेसेंटा और फिर गर्भ में पल रहे बच्चे में पहुंच जाते हैं. इसके बाद वे वहां विकसित हो रहे अंगों में प्रवेश करते हैं. इन अंगों में लिवर, फेफड़े और दिमाग शामिल है. यह नतीजे बेहद चिंताजनक हैं, क्योंकि तीसरी तिमाही अंगों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है.
एक्सपर्ट्स के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि एयर क्वालिटी रेगुलेशन को कार्बन कणों के इस ट्रांसफर पर ध्यान देना चाहिए. एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के मुताबिक, ब्लैक कार्बन, गैस और डीजल इंजनों, कोयले से चलने वाले पॉवर प्लांट और जीवाश्म ईंधन को जलाने वाले अन्य स्रोतों से निकलने वाला काला पदार्थ है. इसमें एक बड़ा हिस्सा पार्टिकुलेट मैटर का होता है, जो एक वायु प्रदूषक है.
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