PPF Calculator: मार्च 2023 के अंत में वित्त मंत्रालय की तरफ से की गई समीक्षा में सुकन्या समृद्धि समेत कई बचत योजनाओं के ब्याज में इजाफा किया गया था. लेकिन उस समय पीपीएफ (PPF) की ब्याज दर को 7.1 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा गया.
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PPF Interest Rate: अगर आप भी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश करते हैं तो यह खबर आपको खुश कर देगी. सूत्रों ने दावा किया है कि सरकार 30 जून 2023 को होने वाली ब्याज दर की समीक्षा में पीपीएफ पर ब्याज बढ़ा सकती है. सरकार ने लंबे समय से पीपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर में बदलाव नहीं किया है. केंद्र सरकार की तरफ से मध्यम वर्ग के लिए कई छोटी बचत योजनाएं चलाई जाती हैं. उन्हीं योजनाओं में से एक पीपीएफ (PPF) है. पीपीएफ में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश किया जाता है. इसकी ब्याज दर में पिछले दो साल से भी ज्यादा समय से बदलाव नहीं किया गया है.
अप्रैल 2020 में किया गया था बदलाव
पीपीएफ (PPF) की ब्याज दर में आखिरी बार अप्रैल 2020 में बदलाव किया गया था. उस समय ब्याज दर को 7.9 प्रतिशत से घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दी गई थी. मार्च 2023 के अंत में वित्त मंत्रालय की तरफ से की गई समीक्षा में सुकन्या समृद्धि समेत कई बचत योजनाओं के ब्याज में इजाफा किया गया था. लेकिन उस समय पीपीएफ (PPF) की ब्याज दर को 7.1 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा गया. इस बार उम्मीद है कि सरकार पीपीएफ खाताधारकों के लिए ब्याज दर में कर सकती है.
न्यूनतम 500 रुपये का निवेश जरूरी
पीपीएफ पर ब्याज दर बढ़ाने का फैसला पूरी तरह सरकार की मौजूदा वित्तीय स्थिति, उधार लेने की लागत और समग्र अर्थव्यवस्था के प्रभाव पर निर्भर करता है. आपको बता दें पीपीएफ में सालाना डेढ़ लाख रुपये के निवेश पर इनकम टैक्स में छूट का प्रावधान है. इसमें आप हर साल न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम डेढ़ लाख तक का निवेश कर सकते हैं. सूत्रों का यह भी दावा है कि सरकारी कर्मचारियों की तरफ से पीपीएफ (PPF) की ब्याज दर बढ़ाने का विरोध किया जा रहा है.
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि पीपीएफ की ब्याज दर नहीं बढ़ने के पीछे सरकारी कर्मचारियों का तर्क है. उनका कहना है कि पीपीएफ (PPF) की ब्याज दर नहीं बढ़ाने के पीछे टैक्स रिटर्न के बाद योजना में निवेश की गई राशि पर कुल 10.32 प्रतिशत का ब्याज मिलता है. ऐसे में इस योजना पर बाकी योजनाओं के मुकाबले पहले से ज्यादा रिटर्न मिल रहा है.