EPFO Interest Rate: ITR के बाद व‍ित्‍त मंत्रालय ने दी एक और गुड न्‍यूज, खुशी से उछल पड़े करोड़ों नौकरीपेशा
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EPFO Interest Rate: ITR के बाद व‍ित्‍त मंत्रालय ने दी एक और गुड न्‍यूज, खुशी से उछल पड़े करोड़ों नौकरीपेशा

EPFO For Fy23: ईपीएफओ (EPFO) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता में 28 मार्च को वित्त वर्ष 2023 के लिए 8.15% ब्याज दर की सिफारिश की थी.

EPFO Interest Rate: ITR के बाद व‍ित्‍त मंत्रालय ने दी एक और गुड न्‍यूज, खुशी से उछल पड़े करोड़ों नौकरीपेशा

EPFO Latest Interest Rate: नौकरीपेशा लोगों के ल‍िए व‍ित्‍त मंत्रालय की तरफ से भविष्य निधि योगदान (EPFO) के ल‍िए 8.15% की ब्‍याज दर अध‍िसूच‍ित की गई है. 31 जुलाई से पहले आई इस खुशखबरी से नौकरीपेशा लोगों ने राहत की सांस ली है. आपको बता दें फाइनेंस म‍िन‍िस्‍ट्री ने 2022-23 के लिए भविष्य निधि योगदान के लिए ब्याज दर 8.15% करने की बात कही है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के एक सर्कुलर में कहा गया क‍ि भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने ईपीएफ (EPF) योजना के प्रत्येक सदस्य के खाते में वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज जमा करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 के पैरा 60 (1) के तहत केंद्र सरकार की मंजूरी दे दी है.'

इससे ईपीएफओ पिछले वित्त वर्ष के लिए ग्राहकों को उनके पीएफ योगदान पर 8.15% ब्याज दर जमा करेगा. ईपीएफओ (EPFO) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता में 28 मार्च को वित्त वर्ष 2023 के लिए 8.15% ब्याज दर की सिफारिश की थी. सीबीटी की सिफारिश के बाद, ब्याज दर को वित्त मंत्रालय द्वारा अनुमोदित और अधिसूचित किया जाना है. इसके बाद ही इसे सदस्यों के खाते में जमा किया जा सकेगा.

आमतौर पर, ब्याज दर वित्त मंत्रालय की तरफ से वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में अधिसूचित की जाती है. ग्राहक FY23 की अधिसूचना का इंतजार कर रहे थे. पीएफ जमा पर सबसे कम ब्याज दर 1977-78 में 8% की थी. सदस्य ईपीएफ कॉन्‍ट्रीब्‍यूशन पर उच्च ब्याज दर की उम्मीद कर रहे हैं. FY23 के लिए, EPFO ​​को 90,497.57 करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है.

ईपीएफओ (EPFO) 70.2 मिलियन योगदान करने वाले सदस्यों और 0.75 मिलियन योगदान करने वाले प्रतिष्ठानों के साथ देश का सबसे बड़ा र‍िटायरमेंट फंड मैनेजर है. सॉफ्टवेयर इश्‍यू के कारणम ग्राहकों के लिए FY22 के लिए ब्याज क्रेडिट में देरी हुई क्योंकि ग्राहकों की पासबुक को टैक्‍सेबल और नॉन टैक्‍सेबल में बांटना पड़ा. यह ईपीएफ बचत आय पर आयकर के कारण था ज‍िसके 2021-22 में 2.5 लाख रुपये से अधिक के योगदान पर लागू किया गया था.

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