साप्ताहिक अवकाश की घोषणा के पीछे हैं कई कारण, कैसे भारतीयों के लिए हुई संडे वीकली ऑफ की शुरुआत?
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साप्ताहिक अवकाश की घोषणा के पीछे हैं कई कारण, कैसे भारतीयों के लिए हुई संडे वीकली ऑफ की शुरुआत?

Weekly Off: रविवार की जगह सप्ताह के किसी भी दिन जैसे सोमवार, मंगलवार, बुधवार को सार्वजनिक साप्ताहिक अवकाश क्यों नहीं घोषित किया गया? दुनिया भर में संडे को वीकली ऑफ का ऐलान किए जाने के पीछे का लॉजिक क्या है?

साप्ताहिक अवकाश की घोषणा के पीछे हैं कई कारण, कैसे भारतीयों के लिए हुई संडे वीकली ऑफ की शुरुआत?

Official Weekly Off In India: भारत समेत दुनिया भर के ज्यादातर देशों में रविवार को ही आधिकारिक साप्ताहिक अवकाश होता है. रविवार को वीकली ऑफ क्यों दिया जाता है, क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है? आज हम जानेंगे इस सवाल का जवाब. साथ ही जानेंगे कि वो कौन-से देश है, जहां रविवार की छुट्टी नहीं दी जाती है.

भारत में संडे ही क्यों होता है वीकली ऑफ? 
इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए हमें इतिहास के पन्नों को पलटना पड़ेगा. भारत में साल 1843 में अंग्रेजों ने रविवार को साप्ताहिक अवकाश रखने की शुरुआत की थी. इसके पीछे का लॉजिक दिया गया कि ईसाई धर्म में ईश्वर ने छह दिनों में संसार बनाया और रविवार के दिन उन्होंने अवकाश लिया. वहीं, तकनीकी तौर पर रविवार सप्ताह का पहला दिन होता है. ईसाई धर्म के अनुयायी रविवार और यहूदी शनिवार को सामूहिक प्रार्थना का दिन मानता है.

भारत में संडे को ऑफ क्यों
भारतीय धार्मिक मान्यताओं और लैटिन मत के मुताबिक रविवार सूर्य का दिन होता है. हालांकि, भारत में रविवार को अवकाश की घोषणा के पीछे सनातन धर्म की कोई मान्यता नहीं, बल्कि अंग्रेजों ने इसकी शुरुआत की थी. ब्रिटिश शासन काल के दौरान भारत में मिल मजदूरों की स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी थी, उनका बहुत शोषण होता था. उन्हें सप्ताह के सातों दिन काम करना पड़ता था. वहीं, अंग्रेजी अफसर-कर्मचारी रविवार को चर्च जाते थे.

ऐसे में भारतीय मिल मजदूरों के नेता नारायण मेघाजी लोखंडे ने ब्रिटिश राज के सामने भारतीय मजदूरों को भी रविवार की छुट्टी देने का प्रस्ताव रखा. उनका तर्क था कि लगातार काम करने वाले मजदूरों को भी एक दिन मिलना चाहिए. पहले अंग्रेजों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, लेकिन लोखंडे ने हार नहीं मानी और उनकी जीत हुई.

इस तरह 10 जून 1890 को भारत में रविवार को वीकली ऑफ का ऐलान किया गया. वहीं, इस्लामिक मुल्कों में शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश होता है. वहीं, ब्रिटिश गवर्नर जनरल ने 1844 में रविवार को स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की. इसके पीछे तर्क था कि 6 दिन पढ़ने के बाद बच्चों को एक दिन रचनात्मक काम करने के लिए दिया जाना चाहिए.

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