ऑफिस में सहकर्मियों से मिलने-जुलने में रखते हैं बहुत सावधानी, कहीं आप मानसिक तौर पर बीमार तो नहीं?
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ऑफिस में सहकर्मियों से मिलने-जुलने में रखते हैं बहुत सावधानी, कहीं आप मानसिक तौर पर बीमार तो नहीं?

Mental Illness: हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक आमतौर पर किसी की फिक्र करना एक अच्छा सामाजिक व्यवहार माना जाता है, लेकिन कहते हैं ना कि किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती. ये आपके मानसिक तौर पर बीमार होने का लक्षण हो सकता है.

ऑफिस में सहकर्मियों से मिलने-जुलने में रखते हैं बहुत सावधानी, कहीं आप मानसिक तौर पर बीमार तो नहीं?

How to Protect Yourself From Mental Illness: अगर आपको ऑफिस सहकर्मियों से मिलने-जुलने में बहुत ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत महसूस हो रही है या अपने फैमिली की बहुत ज्यादा फिक्र होती है तो यह मानसिक बीमारी का लक्षण हो सकता है. अ

गर यही व्यवहार बहुत ज्यादा हो रहा है तो ऐसा व्यक्ति मानसिक तौर पर बीमार हो सकता है और उसे फौरन इलाज की जरुरत है. विशेषज्ञों ने इस व्यवहार से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा की है. साथ ही लोगों के साथ क्यों ऐसा हो रहा है, उसकी वजह भी बताई है. यहां पढ़िए पूरी खबर...

कोरोना ने बदलकर रख दी है लोगों को सोच 
मानसिक  स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद से लोगों में इस तरह का व्यवहार ज्यादा देखने को मिल रहा है. उनका दावा है कि कोरोना ने लोगों के अंतर्मन पर बहुत गहरा असर डाला है, जो अब सभी लोगों में अलग-अलग तरह से उनके व्यवहार में नजर आ रहा है.

कोरोना से पहले ज्यादातर भारतीय बचत को पहली प्रायरिटी देते थे, लेकिन अब बहुत लोगों में निराशा का भाव आ गया है. अब उन्हें लगता है कि लाइफ का बिलकुल भरोसा नहीं किया जा सकता है, तो बहुत बचत करने से कोई फायदा नहीं है. अब वे ज्यादा पैसा खर्च करने और खुश रहने को ज्यादा प्रायरिटी देने लगे हैं.  

ये हैं मानसिक बीमारी का लक्षण
अब कई लोग बचत को प्राथमिकता देने की बजाए अपने और अपने लोगों के जीवन को लेकर ज्यादा फिक्रमंद रहने लगे हैं. 
ज्यादातर लोग बार-बार फोन कर अपने प्रियजनों का हालचाल लेने लगे हैं.
लोगों को अनजाना डर लगा रहता है कि कहीं उन्हें या उनके प्रियजनों के साथ कुछ गलत तो नहीं हो गया है.
कई लोग अपने प्रियजनों का एक-दो बार फोन न लगने पर भी बहुत ज्यादा चिंतित हो जाते हैं.

ये सावधानी नहीं मानसिक अस्वस्थता के हैं लक्षण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक लोगों के ऑफिस व्यवहार में भी बहुत बदलाव हुआ है. कुछ लोग अपने सहकर्मियों से बहुत ज्यादा सावधान रहने लगे हैं.
सहकर्मियों के साथ बैठने, हाथ मिलाने से कतराने लगे हैं
मास्क लगाने की अनिवार्यता नहीं होने के बाद भी कुछ लोग अब भी मास्क लगाए रखते हैं.

डॉक्टर से लें परामर्श 
विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे लोगों को मानसिक स्वास्थ्य विभाग, चिकिसकों और विशेषज्ञों से परामर्श करना चाहिए.
लोगों को व्यायाम, योग, ध्यान और सही डाइट लेकर खुद को सामान्य रखने की कोशिश करें.
केंद्र और राज्य सरकार मानसिक स्वास्थ्य के लिए विभिन्न सेवाएं उपलब्ध कराती हैं, लोगों को इसका लाभ लेना चाहिए.

ऐसे करें बचाव
संक्रमण से बचाव एक लिमिट तक ठीक है, लेकिन इसे लेकर अनावश्यक रूप से बहुत परेशान न हों.
सहकर्मियों से बातचीत करने या किसी चीज के लेनदेन से संक्रमण के प्रति न डरें.
अपने करीबी लोगों के स्वास्थ्य-सुरक्षा को लेकर ज्यादा चिंतित न रहें.
हाथ धुलने, सेनेटाइज करने और मुंह को बहुत ज्यादा ढकने की जरुरत नहीं है
कोरोना का वायरस का इलाज बहुत सामान्य हो चुका है, इसे लेकर बहुत ज्यादा चिंतित न रहें.

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