24 का चुनावी बाज़ार सजने लगा है। ऐसे में मोहब्बत की दुकान की री-लॉन्चिंग डेट भी आ गई है। नेता वही है, यात्रा का पैटर्न वही है,बस ब्रांडिंग नई है। कांग्रेस ने आज राहुल गांधी की दूसरी भारत यात्रा का ऐलान कर दिया। पिछली बार भारत जोड़ो यात्रा नाम पर बीजेपी ने चुटकियां ली थीं। कहा था कि जुड़े हुए को फिर से कैसे जोड़ेंगे? इसीलिये इस बार ब्रांडिंग बदलकर यात्रा को 'भारत न्याय यात्रा' नाम दिया गया है। राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू होगी, और 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी। 75 दिन की यात्रा में वो 14 राज्यों के 85 ज़िलों से गुज़रेंगे और 6 हज़ार 200 किलोमीटर की दूरी कभी पैदल तो कभी बस में बैठकर पूरी करेंगे। राहुल गांधी पिछली बार भारत जोड़ो यात्रा में कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4 हज़ार 80 किलोमीटर चले थे। 12 राज्य, 2 केंद्र शासित प्रदेश और 75 ज़िले उन्होंने 150 दिनों में कवर किये थे। हांलाकि बीच में 9 दिन का क्रिसमस ब्रेक भी लिया था। तो पिछली बार दक्षिण से उत्तर तक पैदल नापा था. इस बार पूरब से पश्चिम दिशा तक दौड़ेंगे। अब दूसरे प्वाइंट पर आते हैं कि भारत न्याय यात्रा में क्या नया है? तो जैसा कांग्रेस ने बताया है कि भारत जोड़ो यात्रा आर्थिक विषमता, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक तानाशाही पर फोकस थी। लेकिन भारत न्याय यात्रा में आर्थिक-सामाजिक-राजनीतिक न्याय,महंगाई और बेरोज़गारी के विरोधऔर लोकतंत्र-संविधान बचाने पर फोकस रहेगा। मणिपुर से यात्रा शुरू करने के पीछे भी मैसेज है कि कांग्रेस मणिपुर हिंसा का मुद्दा ज़िंदा रखेगी और कोशिश करेगी कि उसे लेकर सरकार को घेरे, और 24 में कुछ तो उसका एडवांटेज हासिल करे। आज राहुल गांधी हरियाणा के झज्जर में असंतुष्ट पहलवानों के बीच भी गये थे। सरकार से नाराज़ पहलवानों के साथ उन्होंने अपने पेच लड़ाए और मैसेज दिया कि ये पहलवान आगे भी उनके पोस्टर-बैनर होंगे। लेकिन यात्रा को लेकर दो सवाल और हैं। पहला कि- क्या भारत न्याय यात्रा 24 में कांग्रेस और राहुल गांधी का राजयोग ला पाएगी? क्योंकि पिछली यात्रा से ख़ास चुनावी नतीजे नहीं मिले थे। दूसरा सवाल ये कि क्या राहुल गांधी के साथ INDI अलायंस भी दौड़ेगा? क्योंकि ममता-केजरीवाल-अखिलेश की नाराज़गी की ख़बरें हैं। और नीतीश को लेकर तो हवा है किसी भी वक्त पलटने की ख़बर आ सकती है।