जब चंद्रयान-1 को असेंबल किया जा रहा था, तब एपीजे अब्दुल कलाम इसरो कार्यालय गए थे। भारत के 11वें राष्ट्रपति ने तब वैज्ञानिकों से पूछा कि चंद्रयान-1 यह साबित करने के लिए क्या साक्ष्य प्रदर्शित करेगा कि वह चंद्रमा पर गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब वैज्ञानिकों ने खुलासा किया कि इसमें चंद्रमा की सतह की तस्वीरें होंगी, तो पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि यह पर्याप्त नहीं होगा। एपीजे अब्दुल कलाम ने सुझाव दिया कि चंद्रयान-1 में एक ऐसा उपकरण होना चाहिए जिसे चंद्रमा की सतह पर गिराया जा सके।