क्या आपके पार्टनर के साथ भी हमेशा नोक-झोंक होती रहती है? इसी को सुलझाने के लिए आज हम आपको 5:1 वाले ट्रिक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे फॉलो करके आप अपने रिलेशनशिप को और बेहतर कर सकते हैं.
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क्या आपके पार्टनर के साथ भी हमेशा नोक-झोंक होती रहती है? या फिर क्या आप या आपके साथी को अक्सर एक-दूसरे में कमियां ज्यादा नजर आती हैं? अगर ऐसा होता है तो ये कोई गंभीर बात नहीं है. वैसे तो कोई भी रिलेशनशिप परफेक्ट नहीं होती है, उसमें एफर्ट करके उसे परफेक्ट जैसा बनाना होता है. किसी भी संबंध में उतार चढ़ाव आना बहुत आम बात है. मगर सफल रिश्तों में सबसे ज्यादा मायने ये रखता है कि कपल्स किस तरह अपने मामलों को सुलझाते हैं और उन्हें वापस सामान्य स्थिति में लाने की कोशिश करते हैं. इसी को सुलझाने के लिए आज हम आपको 5:1 वाले ट्रिक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे फॉलो करके आप अपने रिलेशनशिप को और बेहतर कर सकते हैं.
कहां से आई ये थियरी?
1970 के दशक में, मनोवैज्ञानिक और रिलेशनशिप के शोधकर्ता डॉ. रॉबर्ट लेवेंसन और डॉ. जॉन गॉटमैन ने इस बारे में एक अध्ययन किया कि कैसे कपल अपने मतभेदों को सुलझाते हैं. उन्होंने कुछ कपल्स को 15 मिनट के अंदर अपने मनमुटाव को सुलझाने की कोशिश करने के लिए कहा, और इस दौरान उन्होंने कई कपल्स को इसकी कोशिश करते हुए देखा. रिसर्चर ने अपने अध्ययन के माध्यम से बताया है कि लगभग 90 परसेंट कपल्स इस बात की भविष्यवाणी करने में सक्षम थे कि कब तक साथ रह पाएंगे. उन कपल्स के अनुमान था कि उन्हें कब अलग होना पड़ेगा. अब इसी शोध के माध्यम से शोधकर्ता 5:1 अनुपात के निष्कर्ष पर पहुंचे, जिसे एक हेल्दी रिलेशनशिप में ज्यादातर कपल्स अपनाते थे.
हेल्दी रिश्तों में 5:1 अनुपात क्या है?
रिश्तों में 5:1 अनुपात को "जादुई अनुपात" भी कहा जाता है, और यह शब्द मनोवैज्ञानिक और शोधकर्ता डॉ. जॉन गॉटमैन द्वारा गढ़ा गया था. उनके अनुसार, किसी रोमांटिक रिश्ते के फलने-फूलने और स्थिर रहने के लिए, जोड़ों के बीच झगड़े या उनकी डेली रूटीन की बातचीत के दौरान पॉजिटिव और नेगेटिव बातचीत का अनुपात कम से कम 5:1 होना चाहिए. इसका मतलब है कि किसी भी कपल के बीच एक निगेटिव बात पर उनके पास उसे बैलेंस करने के लिए कम से कम पांच पॉजिटिव बातें भी होनी चाहिए. ये पॉजिटिव बातचीत शारीरिक लगाव, तारीफ, एक्सेप्टेंस, हंसी-मजाक, दया भाव के भी रूप में हो सकती हैं.
गॉटमैन के शोध के अनुसार, जिन रिश्तों में निगेटिव से पॉजिटिव बातचीत का अनुपात बहुत अधिक होता है, वे रिलेशनशिप समय के साथ खराब हो जाते हैं. ऐसे में एक हेल्दी रिलेशनशिप को बनाए रखने के लिए अपने साथी के साथ पॉजिटिव और नेगेटिव बातचीत का बैलेंस बनाना बहुत जरूरी है.