Satyanashi Paudhe ke Fayde: सर्दियों में दाद, खाज और खुजली की समस्या आम हो जाती है. स्किन से जुड़ी समस्याओं में सत्यानाशी के पौधा का इस्तेमाल करना फायदेमंद साबित हो सकता है. इस खबर में हम आपको इसके फायदे बताएंगे.
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Satyanashi Plant Benefits: आयुर्वेद में सदियों से सत्यानाशी के पौधे का इस्तेमाल होता रहा है. अलग-अलग इंफेक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले घरेलू नुस्खों में ये काफी आम माना जाता है. इस कांटेदार पौधे के हैरान कर देने वाले फायदे हैं. स्किन से जुड़ी परेशानियों में इसका इस्तेमाल करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. खासकर दाद खाज और खुजली जैसे स्किन प्रॉब्लंस के लिए इसे बेहद फायदेमंद माना जाता है.
दाद, खाज और खुजली के लिए सत्यानाशी का इस्तेमाल
सर्दियों में होने वाली दाद खाज और खुजली एक जिद्दी फंगल इंफेक्शन है, जो एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है. इसमें स्किन पर लाल और गोल चकत्ते बनते हैं, जो खुजली और जलन पैदा करते हैं. यह साफ-सफाई की कमी से होती है. आपको बता दें, इसे कई आयुर्वेदिक घरेलू उपायों से ठीक किया जा सकता है. सदियों से सत्यानाशी के पौधे का दाद, खाज और खुजली को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. इसकी कांटेदार शाखाएं होती हैं, जिसमें पीले रंग के फूल लगे रहते हैं. साथ ही ये कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है, जो त्वचा से जुड़े इन्फेक्शन्स को ठीक करने में मददगार हो सकते हैं.
सत्यानाशी के पौधे के फायदे
दाद, खाज और खुजली: यह फंगल इन्फेक्शन के कारण होती है. ये स्किन पर खुजली, रेडनेस और छाले पैदा करती है. वहीं सत्यानाशी इससे लड़ने में मददगार है. इसमें मौजूद एंटीफंगल गुण इसके संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं.
कैसे करें सेवन- इसका सेवन आप कई तरह से कर सकते हैं. इसकी पत्तियों का लेप बना कर इन्फेक्टेड एरिया पर लगाएं. यह लेप सूजन और खुजली को कम करने में मददगार है. साथ ही आप इसकी पत्तियों से बने काढ़े का इस्तेमाल कर सकते है. इसे इंफेक्टेड एरिया पर लगाने से इन्फेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है. साथ ही आप सत्यानाशी के तेल से इंफेक्टेड एरिया पर मालिश कर सकते हैं.
पेन रिलीफ: सत्यानाशी में एट्रोपिन और स्कोपोलामाइन जैसे केमिकल्स होते हैं, जो पेन रिलीफ में मददगार हैं. इसका उपयोग पुराने दर्द, मांसपेशियों के ऐंठन, या गठिया के इलाज में किया जाता है.
सर्दी-खांसी में राहत: सत्यानाशी का इस्तेमाल सर्दी, खांसी और गले की सूजन में किया जाता है. यह रेस्पिरेटरी सिस्टम को शांत करने और खांसी को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है.
ब्रेन और नर्वस सिस्टम: सत्यानाशी का इस्तेमाल नर्वस सिस्टम से संबंधित परेशानियां, जैसे सिरदर्द, माइग्रेन, और नसों के दर्द में किया जाता है. यह नर्वस सिस्टम को शांत करने का काम करता है.
आंखों की समस्याओं में इस्तेमाल: इसके अर्क का इस्तेमाल आंखों की समस्याओं के लिए किया जाता है, जैसे कि आँखों में जलन या सूजन को कम करने के लिए. पारंपरिक चिकित्सा में इसे आंखों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.
पाचन: पाचन से जुड़ी समस्याओं में भी इसका इस्तमाल किया जाता है. पाचन तंत्र को शांत करने, गैस, ऐंठन, अपच जैसी समस्याओं को दूर करने से फायदेमंद होता है.
इन बातों का रखें ध्यान
सत्यानाशी एक जहरीला पौधा है, जिसे पारंपरिक चिकित्सा में कई उपयोगी गुणों के लिए जाना जाता है. हालांकि, इसे इस्तेमाल करने में सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि यह विषैला हो सकता है. इसे विशेषज्ञ की देखरेख में ही इस्तेमाल करना चाहिए.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.