UP Shiksha Sathi: प्रायमरी स्कूलों में रिटायर्ड टीचर्स Mentor के तौर पर करेंगे काम, ये रखी हैं शर्त
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UP Shiksha Sathi: प्रायमरी स्कूलों में रिटायर्ड टीचर्स Mentor के तौर पर करेंगे काम, ये रखी हैं शर्त

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए लगातार प्रयासरत हैं. इसे लिए राज्य सरकार कई बड़े कदम भी उठा रही हैं.

UP Shiksha Sathi: प्रायमरी स्कूलों में रिटायर्ड टीचर्स Mentor के तौर पर करेंगे काम, ये रखी हैं शर्त

Retired Teachers To Become Mentors In UP: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए लगातार प्रयासरत हैं. इसे लिए राज्य सरकार कई बड़े कदम भी उठा रही हैं. इसी क्रम में यूपी सरकार ने प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय समेत प्रायमरी स्कूलों में रिटायर्ड टीचर्स की दोबारा नियुक्ति करने का फैसला किया है.

रिटायर्ड शिक्षकों की नियुक्ति 'शिक्षा साथी' के रूप में जिला स्तर पर गठित समिति करेगी. इस योजना को लेकर कार्य किया जा रहा है. इससे कई तरह के फायदे होंगे एक तो ऐसे सेवानिवृत्त शिक्षकों को काम मिलेगा जो घर में बैठना चाहते, वहीं बच्चों को अनुभवी शिक्षकों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा. इसके अलावा नए टीचर्स अनुभवी शिक्षकों से बहुत कुछ सीख सकेंगे. 

मेंटॉर के तौर पर काम करने का मिलेगा मौका 
इस मामले में उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना को लेकर एक आदेश जारी किया हुआ  है. इस आदेश के मुताबिक सरकार सेवानिवृत्त शिक्षकों को प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की योजना में सम्मिलित करना चाहती है. ऐसे सेवानिवृत्त शिक्षक जो स्कूलों में फिर से पढ़ाने के इच्छुक हैं, उन्हे राज्य के प्रायमरी और अपर प्रायमरी स्कूलों में मेंटॉर के तौर पर काम करने का मौका मिलेगा. 

स्टूडेंट्स के लर्निंग स्तर में होगा सुधार 
बेसिक शिक्षा सचिव विजय कुमार आनंद ने यह भी बताया कि मेंटॉर के तौर पर सेवानिवृत्त शिक्षकों की जिम्मेदारी सहकर्मी की शिक्षा सुनिश्चित करने, इंटरनल मोटिवेशन देने और क्लास को स्टूडेंट फोकस बनाने की होगी. इससे छात्र-छात्राओं के लर्निंग स्तर में काफी सकारात्मक बदलाव होगा.

शिक्षा व्यवस्था होगी सुदृढ़
रिटायर्ड टीचर्स का चयन जिला स्तर पर गठित कमेटी करेगी. यूपी सरकार के इस कदम से जहां प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी पूरी होगी, वहीं स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हो सकेगी. बेसिक शिक्षा सचिव का दावा है कि ये बहुत कम खर्च वाले स्कूलों में मेंटरिंग कांसेप्ट को भी बढ़ावा देंगे.

एक साल के अनुबंध पर रखे जाएंगे
आपको बता दें कि इसके लिए जारी किए गए ऑफिशियल नोटिफिकेशन के अनुसार 70 साल से कम उम्र के रिटायर्ड टीचर्स 'शिक्षा साथी'बनने के पात्र होंगे.आपको बता दें कि 'शिक्षा साथी' की नियुक्ति का कार्यकाल काफी छोटा है. इनका कार्यकाल महज 1 साल का होगा. आपको बता दें कि चयनित सभी'शिक्षा साथी' एग्रीमेंट पर रखे जाएंगे. उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर उनके एग्रीमेंट को रिन्यू किया जाएगा.

इन्हें मिलेगी प्राथमिकता
'शिक्षा साथी' के लिए होने वाली चयन प्रक्रिया में सेवानिवृत्त शिक्षकों के सेलेक्शन के लिए कुछ क्राइटेरिया निर्धारित किए गए हैं. इसमें रिटायर्ड शिक्षक राज्य या राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता हो. उन्हें असिस्टेंट टीचर या प्रिंसिपल के तौर पर न्यूनतम 5 साल का अनुभव हो. यूपी में'शिक्षा साथी'के तौर पर चयनित शिक्षकों को 2500 रुपये प्रति माह मोबिलिटी भत्ते के तौर पर दिया जाएगा.

मेंटॉर के तौर पर सेलेक्ट होने वाले रिटायर्ड टीचर्स की जिम्मेदारी 
प्रेरणा ऐप पर कम से कम 30 स्कूलों का ऑनलाइन सर्पोटिव सुपरविजन करना होगा. 
बच्चों और उनके अभिभावकों को दीक्षा और रीड अलॉन्ग ऐप का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा. 
स्कूल एक्टिविटी जैसे असेंबली और खेलकूद की प्रॉपर मॉनिटरिंग करेंगे. 
अपने स्कूल में मॉडल शिक्षण व्यवस्था लागू कराएंगे.

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