IAS For Jalabhishek: सावन के महीने का इंतजार भगवान भोले के भक्त पूरे साल बहुत बेसब्री से करते हैं. हर इंसान अपने तरीके से भगवान शंकर की पूजा-अर्जना करता है, सावन के महीने में सोमवार को जलाभिषेक करने का बहुत प्रचलन हैए लेकिन आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि भगवान शंकर के जलाभिषेक के लिए कोई फर्जी IAS बन जाए तो आप सोच में पड़ जाएंगे, लेकिन यह सच हुआ है, जानें पूरा मामला.
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Sawan 2024: हिंदू धर्म में सावन के महीने को अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है. यह महीना भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है. इस महीने भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तजन सोमवार के व्रत रखते हैं और पूजा अर्चना के साथ सोमवार के दिन जलाभिषेक भी करते हैं. इसी जलाभिषेक करने को लेकर एक अनोखा मामला सामने आया है.
जलाभिषेक करने के लिए युवक बना फर्जी IAS
भगवान शंकर के सबसे प्रिय माने जाने वाले सावन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिरों में जुट रही है. श्रद्धालु भगवान भोले का दर्शन करने और जलाभिषेक को लेकर तरह-तरह की तरकीब निकालते हैं. बिहार के मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर में भगवान शंकर का दर्शन करने व जलाभिषेेक करने के लिए एक युवक नकली आईएएस अधिकारी बन बैठा.
'मैं IAS हूं मुझे पहले जलाभिषेक करने दो'
गुरुवार को बाबा गरीबनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी थी. बाबा भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए और जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु लाइन में खड़े थे. इसी बीच वहां पहुंचा युवक पहले जलाभिषेक करने के लिए प्रयास करने लगा. उसने पुजारी से खुद को आईएएस अधिकारी बताते हुए जलाभिषेक कराने के लिए कहा.
पुलिस को हुआ शक
युवक जिस तरह से हरकतें कर रहा था, उसे देखकर पुजारी को संदेह हो गया. पुजारी ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब युवक से पूछताछ की तो उसका असली चेहरा सामने आ गया. मुजफ्फरपुर (नगर ) के सहायक पुलिस अधीक्षक भानु प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपी के पास से ऐसा कुछ नहीं मिला, जिस पर आईएएस अधिकारी या कोई पद लिखा हो.
युवक ने मानी अपनी गलती
पुलिस जांच के बाद युवक को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह मंदिर के पुजारी और पुलिस से माफी मांगने लगा. युवक का कहना था कि मुझे लगा कि अगर मैं खुद को आईएएस बता दूंगा तो लाइन में लगने के बजाए पहले ही भगवान शंकर का जलाभिषेक कर लेंगे, लेकिन पहले ही मेरा झूठ पकड़ा गया, मुझे माफ कर दीजिए. उसका कहना था कि वह दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी करता है और वह मंदिर में दर्शन करने के लिए ही आया था. पुलिस ने बताया कि युवक द्वारा अपनी गलती स्वीकार करने पर पीआर बांड भरवा कर उसे छोड़ दिया गया.