Sanatan Dharm: योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये तुच्छ लोग सनातन का कुछ नहीं कर पाएंगे. रावण हिरण्याकश्यप और कंस ने चुनौती दी थी, लेकिन उनका सबकुछ मिट गया, कुछ नहीं बचा. पर ईश्वर बचा और आज भी है.
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UP CM Yogi Adityanath: सनातन धर्म पर दी जा रहे विवादित बयानों से देश की राजनीति का पारा चढ़ गया है. इसी कड़ी में अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन लोगों पर जमकर निशाना साधा है जिन्होंने सनातन की तुलना रोग से की है. योगी ने कहा कि जिसने सनातन धर्म को चुनौती दी वो मिट गया. बाबर-औरंगजेब का अत्याचार भी सनातन धर्म को नहीं मिटा पाया. विरोध करने वाले भूल गए हैं कि रावण के अहंकार, बाबर और औरंगजेब भी हार गए. ऐसे में ये तुच्छ लोग कहां से सनातन को मिटा पाएंगे. योगी ने यह तक कह दिया कि ये लोग अपनी मूर्खता से सूर्य पर थूकने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन उन्हें यह नहीं पता है वह थूक उन्हीं के ऊपर गिरेगा.
'सनातन का कुछ नहीं कर पाएंगे'
दरअसल, योगी आदित्यनाथ ने यह सब उस दौरान कहा है जब वे कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर रिजर्व पुलिस लाइन्स लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि जब पूरा देश सकारात्मक दिशा में बढ़ रहा तब कुछ लोगों को ये अच्छा नहीं लग रहा है. उन्होंने कहा कि ये तुच्छ लोग सनातन का कुछ नहीं कर पाएंगे. रावण, हिरण्याकश्यप और कंस ने चुनौती दी थी. लेकिन उनका सबकुछ मिट गया, कुछ नहीं बचा. पर ईश्वर बचा और आज भी है. सनातन धर्म सत्य है कभी नहीं मिट सकता है.
'करारा जवाब दिया जाना चाहिए'
योगी का यह बयान तब आया है जब पीएम मोदी ने मंत्रियों की बैठक में निर्देश दिया कि सनातन विवाद पर पूरी तैयारी से करारा जवाब दिया जाना चाहिए. पूरा विवाद तब शुरू हुआ था जब पिछले दिनों तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के द्वारा पिछले दिनों दिए गए सनातन धर्म पर विवादित बयान के बाद देशभर में माहौल गर्म हो गया है. इतना ही नहीं इस बीच उन्हीं की पार्टी के नेता ए राजा उनसे कुछ और कदम आगे निकल गए और उन्होंने भी विवादित बयान दे दिया है.
तुलना बीमारियों से कर दी
सांसद ए राजा ने कहा कि सनातन पर उदयनिधि का रुख नरम था. सनातन धर्म की तुलना सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए. जबकि उदयनिधि ने सनातन की तुलना मलेरिया से कर दी. डीएमके सांसद ए राजा यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि सनातन की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसे सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए. उदयनिधि ने इसे डेंगू मलेरिया बताया था. इन बयानों के बाद देशभर में बवाल मच गया है और प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है.