Teacher's Day: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर 5 सितंबर को ही शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं? क्या है इसकी वजह
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Teacher's Day: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर 5 सितंबर को ही शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं? क्या है इसकी वजह

Sarvepalli Radhakrishnan Birthday: भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) की आज 5 सितंबर को जयंती है. जानिए आज के दिन ही शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

Teacher's Day 2022: आज 5 सितंबर (5 September) को शिक्षक दिवस (Teacher's Day) है. भारत में शिक्षक दिवस बड़े हर्षोल्लास से मनाया है. शिक्षक दिवस के मौके पर स्कूल-कॉलेज में शिक्षकों के सम्मान में कार्यक्रम किए जाते हैं. लोग शिक्षक दिवस पर अपने टीचर को बधाई देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन (Sarvepalli Radhakrishnan's Birthday) पर ही भारत में शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे क्या वजह है. शिक्षक दिवस के लिए कोई और दिन क्यों नहीं चुना गया. आइए शिक्षक दिवस के महत्व और 5 सितंबर को इसको मनाने के कारण के बारे में जानते हैं.

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर शिक्षक दिवस क्यों?

बता दें कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1988 को तमिलनाडु में हुआ था. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन साल 1962 से 1967 तक भारत के राष्ट्रपति रहे थे. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को बचपन से ही पढ़ने-लिखने का बहुत शौक था. बताया जाता है कि एक बार डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन से उनके स्टूडेंट्स ने कहा कि हम आपका जन्मदिन मनाना चाहते हैं.

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने जताई ये इच्छा

इस पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा कि मैं आपकी बात से प्रसन्न हूं. अगर आप मेरा जन्मदिन मनाना चाहते हैं तो इसे शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वाले सभी शिक्षकों के सम्मान के रूप में मनाएं. यह मुझे बहुत अच्छा लगेगा. तब से ही 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है.

भारत रत्न से सम्मानित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

गौरतलब है कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षाविद थे. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों पदों पर रहे. शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का योगदान अतुलनीय है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनके योगदान के लिए साल 1954 में देश के सर्वोच्च पुरुस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.

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