DNA Analysis: किसके निशाने पर था सिद्धू मूसेवाला? हत्याकांड में सामने आ रहा खालिस्तान एंगल
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DNA Analysis: किसके निशाने पर था सिद्धू मूसेवाला? हत्याकांड में सामने आ रहा खालिस्तान एंगल

DNA Analysis: सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को भी जिम्मेदार माना जा रहा है. इस मामले में Lack of Governance यानी शासन की कमी भी साफ देखी गई है.

DNA Analysis: किसके निशाने पर था सिद्धू मूसेवाला? हत्याकांड में सामने आ रहा खालिस्तान एंगल

DNA Analysis: पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में अब खालिस्तान का ऐंगल भी सामने आ रहा है. हत्या से एक दिन पहले सिद्धू मूसेवाला ने जसकरण सिंह और उसके सहयोगियों से मुलाकात की थी. ये लोग संगरूर लोक सभा सीट के लिए जो उपचुनाव होने हैं, उसमें सिमरजीत सिंह मान के लिए समर्थन मांगने पहुंचे थे. जसकरण सिंह और सिमरजीत सिंह मान वही लोग हैं, जिनके बारे में हमने आपको 23 फरवरी 2021 को भी बताया था. तब इन लोगों ने खालिस्तानी आतंकवादी जनरैल सिंह भिंडरावाले के समर्थन में भाषण दिया था. 26 जनवरी 2021 को लाल किले पर एक खास धर्म का झंडा फहराने वालों के परिवारों को भी सम्मानित किया था.

मूसेवाला की हत्या का जिम्मेदार कौन?

इस हत्याकांड के लिए पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को भी जिम्मेदार माना जा रहा है. इस मामले में Lack of Governance यानी शासन की कमी भी साफ देखी गई है. आम आदमी पार्टी के पास अब तक दिल्ली में सरकार चलाने का अनुभव था. दिल्ली में Law & Order की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार के पास है. यानी जो पुलिस है, उसका नियंत्रण दिल्ली सरकार के पास नहीं है बल्कि केन्द्र सरकार के पास है. जबकि पंजाब में ऐसा नहीं है.

एक दिन पहले ही हटाई गई थी सुरक्षा

पंजाब में Law & Order वहां की सरकार की जिम्मेदारी है. बड़ी बात ये है कि पंजाब सरकार ने वहां Law & Order को एक राजनीतिक मुद्दा बना दिया. इस हत्याकांड से पहले पंजाब पुलिस ने 424 लोगों की सुरक्षा घटाने का फैसला किया था.. और इन 424 लोगों में सिद्धू मूसेवाला का भी नाम था. इस फैसले से पहले उन्हें चार गनमैन मिले हुए थे, लेकिन हत्या से कुछ घंटे पहले इनमें से दो गनमैन उनकी सुरक्षा से हटा दिए गए. हालांकि यहां बड़ी बात ये है कि घटना के दौरान सिद्धू मूसेवाला इन दोनों गनमैन को भी अपने साथ लेकर नहीं गए थे. और उनके पास बुलेट प्रूफ गाड़ी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने उसका इस्तेमाल नहीं किया.

अपराधियों को मिली मदद

जब किसी व्यक्ति की जान को खतरा देखते हुए, उसे सुरक्षा दी जाती है तो ये Law & Order से जुड़ा मुद्दा होता है. लेकिन सरकार ने इसे राजनीतिक मुद्दा बनाते हुए उन सभी लोगों के नाम सावर्जनिक कर दिए, जिनकी सुरक्षा कम की गई थी. यही वजह है कि अपराधी सिद्धू मूसेवाला को अपना निशाना बनाने में सफल हो गए. इस संबंध में पंजाब सरकार द्वारा जो आदेश जारी किया गया था, उसमें सबसे ऊपर इस Document को Secret बताया गया है, लेकिन सच ये है कि ये Secret Document पहले ही पंजाब के बड़े-बड़े अखबारों में छप चुका था.

हत्याकांड में कनाडा का जिक्र

पंजाब में जब से आम आदमी पार्टी की सरकार आई है, तब से वहां कई बड़ी आपराधिक घटनाएं हो चुकी हैं. हाल ही में पटियाला में दंगे भड़क गए थे, क्योंकि वहां खालिस्तानी विरोधी मार्च निकाला जा रहा था. इसी तरह 9 मई को मोहाली में पंजाब पुलिस के Intelligence Headquarter पर RPG अटैक हुआ था. 14 मार्च को कबड्डी खिलाड़ी संदीप नांगल की मैच के दौरान गोली मारकर हत्या भी कर दी गई थी. इस हत्याकांड के पीछे भी कनाडा में बैठे कुछ गैंगस्टर को बताया गया था. हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि वो इस मामले की जांच हाई कोर्ट के Sitting Judge से कराएंगे. सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा घटाने के मामले की जांच भी अलग से की जाएगी.

जान की गारंटी ज्यादा जरूरी

देश के लोगों को भी ये बात समझनी होगी कि मुफ्त बिजली और मुफ्त पानी से ज्यादा जरूरी जान की गारंटी है. जान से ज्यादा कीमती कुछ नहीं होता, लेकिन लोगों ने मुफ्त बिजली, पानी और दूसरी मुफ्त योजनाओं के लिए अपनी जान से ही समझौता कर लिया.

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