Bihar Youtuber Manish Kashyap: मनीष कश्यप साल 2020 में चनपटिया विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़े चुके हैं. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान उतरे थे, हालांकि वो चुनाव हार गए. मनीष के पिता भारतीय सेना में कार्यरत हैं.
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Who Is Youtuber manish Kashyap: यूट्यूबर मनीष कश्यप एक बार फिर चर्चा में हैं. करीब नौ महीने के बाद बिहार हाईकोर्ट ने उन्हें दो मामलों में जमानत दे दी है और शनिवार को वे जेल से बाहर आ गए हैं. लंबे समय से मनीष कश्यप को लेकर खूब चर्चा हुई हैं. कई बार वे सोशल मीडिया पर ट्रेंड भी हो चुके हैं. उनके समर्थक उन्हें 'सन ऑफ बिहार' भी कहते हैं. आइए जानते हैं कि मनीष कश्यप कौन हैं और इतनी बड़ी संख्या में उनके समर्थक कहां से हो गए. यह भी जानेंगे कि वे क्यों जेल गए थे. असल में मनीष कश्यप का असली नाम त्रिपुरारी तिवारी है, उन्हें यूट्यूबर और सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर जाना जाता है. उनका जन्म 9 मार्च 1991 को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में हुआ था. कश्यप ने पुणे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उन्होंने कुछ साल नौकरी भी की थी. इसके बाद 2016-17 से स्थानीय समस्या को उन्होंने सोशल मीडिया पर डालना शुरू किया था और इससे उसकी लोकप्रियता बढ़ती गई. इसी बीच उन्होंने सच तक नाम से यूट्यूब चैनल भी बना लिया था जिसकी काफी रीच हो गई, लोग उन्हें पसंद करने लगे.
शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार पर वीडियो
मनीष कश्यप ने अपने चैनल पर बिहार से जुड़े सामाजिक मुद्दों पर वीडियो बनाए. उन्होंने बिहार के शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, आदि जैसे मुद्दों पर वीडियो बनाने लगे. उनके वीडियोज जमकर वायरल होने लगे. मनीष कश्यप के समर्थकों में बड़ी संख्या में यूट्यूबर भी शामिल हैं. इसके अलावा बेतिया में उनके करीबी और साथ रहे लोग भी मनीष के साथ खड़े नजर आते रहते हैं. मनीष कश्यप के समर्थक उन्हें एक सच्चा सामाजिक कार्यकर्ता मानते हैं जो बिहार के लोगों की आवाज उठाता है. उनके विरोधी उन्हें एक झूठा और भड़काऊ व्यक्ति मानते हैं जो समाज में अशांति फैला रहा है. इसकी एक बानगी तब देखने को मिली जब शनिवार को वे जमानत पर बहार आए तो कारागार के बाहर समर्थकों का हुजूम नजर आया. इस भीड़ को मैनेज करने में पुलिस के पसीने छूट गए.
क्यों गए जेल
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब फरवरी 2023 में सोशल मीडिया एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया था कि तमिलनाडु के तिरुपुर और कोयंबटूर में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट की गई. इसका कथित वीडियो मनीष कश्यप ने शेयर करते हुए बिहार सरकार और तमिलनाडु सरकार पर आरोप लगाए. यह भी दावा किया गया कि इस मामले में कम से कम दो लोगों की हत्या कर दी गई है. लेकिन तमिलनाडु और बिहार पुलिस ने इन सभी खबरों को झूठ और अफवाह बताया था. आरोप लगा कि यूट्यूबर मनीष कश्यप पर इसी खबर को गलत तरीके से बनाकर यूट्यूब पर अपलोड करने के आरोप लगे थे, उनका वीडियो काफी वायरल हो गया.
कई मामले उनके ऊपर दर्ज
इसके बाद बिहार और तमिलनाडु दोनों राज्यों में कई मामले उनके ऊपर दर्ज किए गए. इनमें से अधिकांश मामले उनके द्वारा अपलोड किए गए वीडियो के आधार पर दर्ज किए गए. मनीष कश्यप को 2023 में बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत भी गिरफ्तार किया गया था. मनीष के खिलाफ बिहार के बेतिया जिले में 7 मामले दर्ज किए गए थे. इसमें भाजपा विधायक से मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के अलावा बैंक मैनेजर से मारपीट का भी आरोप था. इस मामले में कुर्की-जब्ती के बाद मनीष ने थाने में सरेंडर कर दिया था, तभी से मनीष को जेल में रखा गया था. फिलहाल वे जेल से बाहर आ गए हैं.
चुनाव भी लड़ चुके हैं
मनीष कश्यप साल 2020 में चनपटिया विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़े चुके हैं. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान उतरे थे, हालांकि वो चुनाव हार गए. मनीष कश्यप के यूट्यूब पर करीब दो मिलियन फॉलोअर्स हैं. उनके यट्यूब चैनल पर करीब ढाई हजार वीडियो अपलोड है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मनीश कश्यप का घर बेतिया के महनवा डुमरी गांव में है. मनीष के पिता भारतीय सेना में कार्यरत हैं. घर पर उनकी मां और छोटे भाई का परिवार रहता है. मनीष के छोटे भाई करण कहते हैं कि मनीष कश्यप नौकरी छोड़ने के बाद समाजसेवा में लग गए और ज़्यादातर समय पटना में रहते थे. करण कश्यप का कहना है कि मेरी शादी हो गई है, लेकिन भैया ने शादी नहीं की है.