Hindu Kush: हिंदुकुश हिमालय में छाया जल संकट, रिकॉर्ड स्तर पर बर्फबारी कम होना एक बड़ी कारण
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Hindu Kush: हिंदुकुश हिमालय में छाया जल संकट, रिकॉर्ड स्तर पर बर्फबारी कम होना एक बड़ी कारण

Water Shortages in Hindu Kush: हिंदुकुश हिमालय क्षेत्र में रहने वाले लगभग 24 करोड़ लोगों के लिए यह जमा हुआ पानी ताजे जल का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. साथ ही निचले इलाके में रहने वाले लगभग 165 करोड़ लोगों को इस जमे हुए जल से दूरगामी लाभ होता है.

 

Hindu Kush: हिंदुकुश हिमालय में छाया जल संकट, रिकॉर्ड स्तर पर बर्फबारी कम होना एक बड़ी कारण

Hindu Kush Himalaya:  हिंदुकुश हिमालय में इस साल लोगों को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है. हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बर्फबारी में रिकॉर्ड स्तर की गिरावट के कारण हिंदुकुश हिमालय के निचले इलाकों में पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है.

पानी कमी को ध्यान में रखते हुए नेपाल स्थित अंतरसरकारी संगठन ‘अंतरराष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केन्द्र’ (आईसीआईएमओडी) के प्रमुख विशेषज्ञों ने जल प्रबंधन अधिकारियों से सूखा प्रबंधन रणनीतियों और आपातकालीन जल आपूर्ति उपायों को शुरू करने का आग्रह किया है. हिंदु कुश हिमालय क्षेत्र पृथ्वी की सतह पर जमे पानी पर व्यापक रूप से निर्भर करता है.

हिंदुकुश हिमालय क्षेत्र में रहने वाले लगभग 24 करोड़ लोगों के लिए यह जमा हुआ पानी ताजे जल का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. साथ ही निचले इलाके में रहने वाले लगभग 165 करोड़ लोगों को इस जमे हुए जल से दूरगामी लाभ होता है. बर्फ पिघलने से हिंदु कुश हिमालय क्षेत्र से उत्पन्न होने वाली 12 प्रमुख नदी घाटियों के कुल जल प्रवाह का लगभग 23 प्रतिशत हिस्सा बनता है.

हालांकि, इसका योगदान नदी दर नदी अलग-अलग होता है. अमु दरिया के जल प्रवाह में 74 प्रतिशत, हेलमंद के जल प्रवाह में 77 प्रतिशत और सिंधु के जल प्रवाह में 40 प्रतिशत पानी बर्फ पिघलने से आता है. 

बर्फबारी में रिकार्ड कमी

रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल क्षेत्र में बर्फबारी का स्तर सामान्य का 20 प्रतिशत तक कम रहा है. बर्फबारी में सबसे ज्यादा कमी पश्चिमी क्षेत्र में हुई है. इसी क्षेत्र में बर्फ पिघलने से जल आपूर्ति सबसे ज्यादा होती है. सोमवार को जारी 'स्नो अपडेट रिपोर्ट- 2024' के मुताबिक, गंगा बेसिन में बर्फ का स्तर सामान्य से 17 प्रतिशत कम और ब्रह्मपुत्र बेसिन में सामान्य से 14.6 प्रतिशत कम रहा. 

वहीं हेलमंद नदी बेसिन में बर्फ के स्तर में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है. यहां सामान्य से 31.8 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. इससे पहले बर्फ की मौजूदगी का सबसे कम स्तर 2018 में रहा था, जब इसमें 42 प्रतिशत की कमी आई थी. सिंधु बेसिन में बर्फ की मौजूदगी सामान्य से 23.3 प्रतिशत नीचे आ गई है जो 22 वर्षों में सबसे कम है.

पानी की कमी का गंभीर खतरा

वर्ष 2018 में बर्फ की मौजूदगी का स्तर 9.4 प्रतिशत तक पहुंच गया था. मेकांग बेसिन में सामान्य से सबसे कम बदलाव देखने को मिला जहां बर्फ की मौजूदगी सामान्य से लगभग एक प्रतिशत तक कम रही. आईसीआईएमओडी के विशेषज्ञ और रिपोर्ट के लेखक शेर मोहम्मद का कहना है, "हमने हिंदुकुश हिमालय में बर्फ की मात्रा और मौजूदगी में कमी की प्रवृत्ति देखी है. पिछले 22 वर्षों में से 13 वर्षों में मौसम के दौरान होने वाली बर्फबारी सामान्य से कम दर्ज की गयी है. यह शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए खतरे का एक संकेत है. कम बर्फबारी और बर्फ की मौजूदगी के स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण विशेष रूप से इस वर्ष पानी की कमी का गंभीर खतरा पैदा हो गया है.

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