जुमे की हिंसा के 3 दिन बाद आज देश में कहीं से भी तनाव की खबर नहीं आई, जोकि एक अच्छी बात है. लेकिन सियासी बयानों को सुनें तो ऐसा लगता है कि कुछ लोगों को ये खटक रहा है कि ऐसा क्यों नहीं हुआ. असदुद्दीन ओवैसी, महबूबा मुफ्ती और मौलाना तौकीर रजा ने भी भड़काऊ बयान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. 'ताल ठोक के' में आज बहस का मुद्दा - क्या अगले जुमे पर प्रदर्शन का ऐलान फिर दंगा भड़काने की कोशिश है?