धार्मिक कट्टरता को लेकर लगातार देश में संग्राम छिड़ा हुआ है. इस मामले पर राजनीति भी जमकर हो रही है. अममेर दरगाह के चिश्ती के बयान का विरोध बढ़ा तो अब अजमेर दरगाह ने भी ऐसे बयानों के विरोध में अपना स्टैंड क्लीयर किया है. ऐसे में सवाल ये है कि अजमेर दरगाह की पहल के बाद 'सिर तन से जुदा' की सोच रूकेगी.