साल 1918 में पिंक सिर्फ एक रंग था, ना कि किसी ‘gender को define करने वाला रंग’. आदमी हो या औरत सब ही बराबर पिंक पहनते थे. In fact, अगर पिंक को थोड़ा बहुत लेबल किया भी जाता था तो इसे males का colour ही बोला जाता था. क्योंकि उस समय कई देशों की आर्मी के soldiers की यूनिफॉर्म होती थी red, और चूंकि पिंक को रेड कलर का ही lighter shade मानते हैं, तो लड़कों को बचपन में पिंक ज्यादा पहनाया जाता था. इसका जिक्र 1918 के journal The Infants’ Department के आर्टिकल Pink or Blue में था. लेकिन फिर क्या हो गया जो पिंक महिलाओं का रंग हो गया.