देश के लिए मेडल जीतना हर खिलाड़ी का सपना होता है. ये सपना हर कोई पूरी नहीं कर पाता. लेकिन नीरज ने ओलंपिक से लेकर वर्ल्ड एथलेक्टिस चैंपियनशिप में इतिहास को दोहराया है. युवाओं को नीरज से सीखना चाहिए कि एक खिलाड़ी के तौर पर अपने प्रदर्शन को बनाए रखने का उन पर कितना अधिक दबाव था.