सोचिए ऐसा कैसे हो सकता है कि पैगंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी करने वाली नूपुर शर्मा को हिन्दू बताकर उनका विरोध किया जाता है. लेकिन उदयपुर की घटना में जब मुस्लिम समुदाय के लोग कन्हैया लाल की हत्या कर देते हैं तो हमारे ही देश का एक वर्ग ये कहता है कि आरोपियों का कोई धर्म नहीं होता है.