आप अपने शरीर में रहते हैं और आपका शरीर आपके घर में रहता है. यानी आपका पहला घर आपका शरीर है और जब तक यह घर साफ सुथरा और मजबूत नहीं होगा तब तक आप भौतिक रूप से कितने ही आलीशान घर में रह लें आपको ना आपके प्रयासों का शुभ फल मिलेगा न ही मेहनत का लाभ मिलेगा.