Kashi Vishwanath Temple Case: हिंदू पक्ष ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वुजुखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे कराने की मांग की थी. वहीं, इस मांग पर मुस्लिम पक्ष और मसाजिद कमिटी ने विरोध दर्ज कराया था.
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उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने ASI सर्वे को मंजूरी दे दी है. ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने फैसले की कॉपी पढ़कर बताया कि कोर्ट ने ASI सर्वे का आदेश दे दिया है. जैन ने कहा, "मुझे सूचित किया गया है कि मेरा आवेदन मंजूर कर लिया गया है और अदालत ने वजू टैंक को छोड़कर, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है.'
वुजुखाना को छोड़कर सभी पश्चिमी दीवार और तीनों पिलर समेत पूरे इलाके का सर्वे किया जाएगा. एसआई को 4 अगस्त तक अदालत को बताना होगा कि वह इसका सर्वे कब करेंगे. विष्णु शंकर जैन ने कहा, 'हमारा कहना था कि उस पूरे क्षेत्र का ASI द्वारा सर्वेक्षण करना चाहिए. आज कोर्ट ने हमारे उस आवेदन पर सहमति दे दी है और अब ASI ही इस मामले की दिशा और दशा को निर्धारित करेगा. शिवलिंग का सर्वेक्षण नहीं होगा. उसका मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है जिसकी अगली सुनवाई 29 अगस्त को है. मगर शिवलिंग को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण होगा.'
कोर्ट ने पूरे ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक जांच कराने की मांग से संबंधित मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद 14 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि 21 जुलाई को इस पर फैसला सुनाया जाएगा. वाराणसी के जिला कोर्ट जज ए के विश्वेश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 21 जुलाई तक के लिए फैसले को सुरक्षित रख लिया था.
हिंदू पक्ष ने वुजुखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे कराने की मांग की थी. वहीं, इस मांग पर मुस्लिम पक्ष और मसाजिद कमिटी ने विरोध दर्ज कराया था.
ये मांग वाराणसी की 4 महिलाओं की ओर से की गई है, जिनके नाम हैं- लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक. इन महिलाओं ने 16 मई को जिला जज की कोर्ट में याचिका दाखिल कर गुहार लगाई थी और कहा था कि बुजुखाना को छोड़कर सभी हिस्सों का सर्वेक्षण कराया जाए.
14 जुलाई को हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा था, 'हमने वजुखाने को छोड़ कर सम्पूर्ण ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक और वैज्ञानिक तरीके से जांच करने की मांग अदालत के समक्ष रखी थी. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया.'
जैन ने बताया कि अपनी दलील में उन्होंने अदालत से कहा था कि काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को पूरे मस्जिद परिसर की पुरातात्विक जांच द्वारा ही हल किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि मुस्लिम पक्ष ने अदालत के समक्ष ये दलील रखी कि पुरातात्विक सर्वेक्षण से परिसर को नुकसान पहुंच सकता है, जिस पर हमने अदालत के समक्ष परिसर को बिना नुकसान पहुंचाए आधुनिक तरीके से जांच कराने की मांग रखी.
ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने का आग्रह करते हुए वाराणसी की जिला अदालत में दायर याचिका पर मुस्लिम पक्ष ने 22 मई को अपनी आपत्ति दाखिल की थी.