'हमारे मामलों में टांग अड़ाने की जरूरत नहीं...', केजरीवाल पर US की टिप्पणी पर फिर भारत की दो टूक
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'हमारे मामलों में टांग अड़ाने की जरूरत नहीं...', केजरीवाल पर US की टिप्पणी पर फिर भारत की दो टूक

MEA on America: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आगे कहा, भारत को अपने स्वतंत्र, लोकतांत्रिक संस्थानों पर गर्व है, वह किसी भी तरह के बाहरी प्रभाव से उनकी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

'हमारे मामलों में टांग अड़ाने की जरूरत नहीं...', केजरीवाल पर US की टिप्पणी पर फिर भारत की दो टूक

America-India Relations: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका की टिप्पणी, यूक्रेन-रूस संघर्ष के अलावा बाल्टीमोर हादसे समेत कई मुद्दों पर भारत ने गुरुवार को जवाब दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अमेरिकी राजनयिक की टिप्पणी पर कहा, 'बुधवार को भारत ने राजनयिक के सामने अमेरिका की टिप्पणी को लेकर आपत्ति दर्ज कराई. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की हालिया टिप्पणियां अवांछित थी. हमारी निर्वाचन, कानूनी प्रक्रियाओं में कोई भी बाहरी आरोप पूरी तरह अस्वीकार्य है.

रणधीर जायसवाल ने आगे कहा, भारत को अपने स्वतंत्र, लोकतांत्रिक संस्थानों पर गर्व है, वह किसी भी तरह के बाहरी प्रभाव से उनकी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है. आपसी सम्मान और समझ अंतरराष्ट्रीय संबंधों की नींव बनाती है, और राज्यों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की उम्मीद की जाती है.'

'पुल से टकराने वाले जहाज में 20 भारतीय'

इसके अलावा MEA ने यह भी कहा कि उस मालवाहक जहाज पर 20 भारतीय हैं, जो कुछ दिन पहले अमेरिका के बाल्टीमोर में एक पुल से टकरा गया था.  भारतीय दूतावास उनके और स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है.

बाल्टीमोर में पटाप्सको नदी पर बना 2.6 किलोमीटर लंबा ‘फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज’ उस समय ढह गया था जब श्रीलंका जा रहा 984 फुट लंबा मालवाहक जहाज मंगलवार तड़के पुल के एक खंभे से टकरा गया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'हमारी जानकारी के अनुसार चालक दल के 21 सदस्य हैं, जिनमें 20 भारतीय हैं. वे सभी ठीक हैं, उनका स्वास्थ्य अच्छा है. उनमें से एक को थोड़ी चोट लगी थी, कुछ टांके लगाने की जरूरत थी और टांके लगाए गए हैं. वह वापस जहाज पर चला गया है.' उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास जहाज पर सवार भारतीयों और स्थानीय अधिकारियों के साथ  संपर्क बनाए हुए है. 

शांति से निकले रास्ता'

इसके अलावा भारत ने यह भी कहा कि वह चाहता है रूस-यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष का हल शांतिपूर्ण तरीके से निकले. रणधीर जायसवाल ने स्विट्जरलैंड शांति शिखर सम्मेलन में भारत के रुख को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कहा, "हम बातचीत और कूटनीति से रूसी-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की कोशिश करते रहेंगे." प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 मार्च को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ अलग-अलग बातचीत की थी और जोर दिया था कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति ही आगे का रास्ता है.

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