Vocal For Local Campaign: दिवाली पर भारतीयों ने चीन को सिखाया सबक, वोकल फॉर लोकल अभियान हुआ सुपरहिट
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1959049

Vocal For Local Campaign: दिवाली पर भारतीयों ने चीन को सिखाया सबक, वोकल फॉर लोकल अभियान हुआ सुपरहिट

Indians & China: प्रधानमंत्री मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान का हुआ जबरदस्त असर. चीन को 1 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा के व्यापार का हुआ नुक़सान. बाजार में बढ़ी भारतीय उत्पादों की मांग.

 

Vocal For Local Campaign

Diwali Shopping Vocal For Local Campaign: कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज एक संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि इस वर्ष के दिवाली उत्सव में देश भर के बाज़ारों में 3.75 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का रिकॉर्ड तोड़ व्यापार हुआ और सभी त्यौहारों पर ग्राहकों द्वारा जमकर भारतीय वस्तुओं की खरीदारी  की गई. भैया दूज, छठ पूजा एवं तुलसी विवाह त्यौहार में लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये के और व्यापार होने की संभावना है. कैट के भारतीय उत्पाद-सबका उस्ताद अभियान को ग्राहकों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है. 

भारतीय उत्पादों की मांग से चीन कोइस वर्ष दिवाली पर्व पर लगभग 1 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा के व्यापार का  नुकसान हुआ. पिछले सालों में दिवाली त्यौहारों पर चीन से बनी वस्तुओं को लगभग 70% बाजार भारत का मिल जाता था जो इस बार नहीं मिल सका,  देश में किसी भी व्यापारी ने इस वर्ष चीन से दिवाली से संबंधित किसी भी वस्तु का कोई इंपोर्ट नहीं किया. इसका सीधा श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान को जाता है. कैट ने इस दिवाली देश भर में “ भारतीय उत्पाद-सबका उस्ताद” अभियान चला
या जो बेहद सफल रहा जिसको देश भर में ग्राहकों का बड़ा समर्थन मिला.

ये खबर भी पढ़ें- PM Kisan : इन 4 करोड़ किसानों को नहीं मिलेगी पीएम किसान की 15वीं किस्त, फटाफट चेक करें लिस्ट में नाम

काट के अनुसार एक मोटे अनुमान के अनुसार 3.5 लाख करोड़ के त्यौहारों के व्यापार में लगभग 13% खाद्य एवं किराना में, 9% ज्वेलरी में, 12% वस्त्र एवं गारमेंट, 4% ड्राई फ्रूट, मिठाई एवं नमकीन, 3% घर की साज सज्जा, 6% कास्मेटिक्स, 8% इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल, 3% पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं, 3% बर्तन तथा रसोई उपकरण, 2% कॉन्फ़ेक्शनरी एवं बेकरी, 8% गिफ्ट आइटम्स, 4% फ़र्निशिंग एवं फर्नीचर एवं शेष 20% ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने सहित अन्य अनेक वस्तुओं एवं सेवाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च किए गए . देश भर में पैकिंग कारोबार को भी एक बड़ा बाज़ार इस दिवाली पर मिला.

प्रधानमंत्री द्वारा दिवाली त्यौहारों पर लोकल बनी वस्तुएँ ख़रीदने का आह्वान किया गया था जिसका बड़ा प्रभाव पूरे देश में दिखाई दिया. देश भर में स्थानीय निर्माताओं, कारीगरों एवं कलाकारों द्वारा बनाये गये उत्पादों की भारी मात्रा में बिक्री हुई जिससे आत्मनिर्भर भारत की एक विशिष्ट झांकी दिवाली पर्व के जरिए देश एवं दुनिया को दिखाई गई.

Watch: राहुल की डायरी से बढ़ेंगी एल्विश यादव की मुश्किलें, पुलिस टीम कर रही है जांच

Trending news