IAS Akshat Varma: कौन हैं आईएएस अक्षत वर्मा? अयोध्या में डॉक्टर के बेटा, इंजीनियरिंग छोड़ संभाली बनारस की कमान
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IAS Akshat Varma: कौन हैं आईएएस अक्षत वर्मा? अयोध्या में डॉक्टर के बेटा, इंजीनियरिंग छोड़ संभाली बनारस की कमान

IAS Akshat Varma Success Story: रामनगरी के अक्षत वर्मा ने न केवल यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को दो बार पास किया, बल्कि अपने धैर्य और मेहनत से एक काबिल प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अपनी पहचान बनाई है. उनका सफर यह साबित करता है कि अगर सपनों को पूरा करने का जुनून हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती. आइए जानते हैं इनकी सक्सेस स्टोरी के बारे में... 

IAS Akshat Varma Success Story

IAS Akshat Varma Success Story: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जन्मे और पले-बढ़े अक्षत वर्मा ने मेहनत और लगन से वह मुकाम हासिल किया, जो हर सिविल सर्विस अभ्यर्थी का सपना होता है. हाल ही में वाराणसी के   म्युनिसिपल कमिश्नर के पद पर नियुक्त किए गए.  2017 बैच के आईएएस अधिकारी अक्षत वर्मा की कहानी प्रेरणा से भरी हुई है. 

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अक्षत वर्मा के पिता अयोध्या जिला अस्पताल में चिकित्सक हैं. उनकी स्कूली शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल, अयोध्या से हुई, जहां वह हमेशा से ही एक होनहार छात्र रहे.  12वीं के बाद उन्होंने जेईई परीक्षा पास की और आईआईटी रुड़की में दाखिला लिया. यहां से बीटेक की डिग्री पूरी की. पढ़ाई के दौरान उन्हें चीन के प्रतिष्ठित बीजिंग जियाओतोंग विश्वविद्यालय में इंटर्नशिप करने का भी मौका मिला. 

सिविल सेवा की ओर रुझान
बीटेक के दौरान ही अक्षत ने तय कर लिया था कि उन्हें सिविल सर्विसेज में जाना है. बीटेक के बाद उनकी नियुक्ति सड़क परिवहन मंत्रालय में असिस्टेंट इंजीनियर के रूप में हुई. हालांकि, उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का था. नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. 

पहला प्रयास में IRS अधिकारी बने
अक्षत ने 2015 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी और 667वीं रैंक हासिल की. उन्हें इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS) में चुना गया और इनकम टैक्स विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर काम करने लगे. लेकिन उनका सपना अभी भी अधूरा था. वह जानते थे कि उन्हें आईएएस बनने के लिए एक और मौका चाहिए.

दूसरा प्रयास में आईएएस बनने का सफर
अक्षत ने नौकरी करते हुए ही दोबारा यूपीएससी की परीक्षा दी. इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और 2016 में उन्होंने बेहतर रैंक हासिल की. 2017 बैच के आईएएस अधिकारी के रूप में उनका चयन हुआ. 27 अप्रैल, 2018 को शाहजहांपुर में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यभार संभाला. 

प्रशासनिक यात्रा
2019: शाहजहांपुर में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के रूप में सेवा दी.
2019: उन्नाव में कंबाइंड मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त हुए. 
2021: सीतापुर में चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर के पद पर कार्यभार संभाला.
2024: वाराणसी के म्युनिसिपल कमिश्नर के पद पर नियुक्त हुए.

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