Gyanvapi Survey Report: ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने पर वाराणसी कोर्ट में तीखी बहस, जानें फैसला कब आएगा
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Gyanvapi Survey Report: ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने पर वाराणसी कोर्ट में तीखी बहस, जानें फैसला कब आएगा

Gyanvapi case: हिंदू पक्ष ने जहां सर्वे रिपोर्ट की प्रति तत्काल दिए जाने का अनुरोध किया है, वहीं मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई है.  मुस्लिम पक्ष का कहना है कि रिपोर्ट की प्रति यह शपथ पत्र लेकर दी जाए कि वह लीक नहीं की जाएगी.

Gyanvapi Survey Report

Gyanvapi case: वाराणसी की जिला अदालत ने गुरुवार को ज्ञानवापी मामले में ASI रिपोर्ट सार्वजनिक करने के मामले में सुनवाई की. हिन्दू पक्ष ने एएसआई (ASI) रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की थी. जबकि मुस्लिम पक्ष इसका विरोध कर रहा था. 18 दिसंबर को भारतीय पुरातत्व विभाग ने अपनी रिपोर्ट अदालत को सीलबंद लिफाफे में सौंपी थी. उसने आगे तीन जनवरी तक सुनवाई टाल दी है. 

एएसआई टीम के सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने को लेकर हिन्दू पक्ष और एएसआई टीम में मतभेद उजागर हुए थे. हिन्दू पक्ष ने इस मामले को लेकर उच्च अदालत में अपील की बात कही थी. हिन्दू पक्ष का कहना है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने का कोई आदेश नहीं दिया था. हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता और अन्य वादियों के बीच कोर्ट रूम में इस मुद्दे को लेकर जिरह हुई. 

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस (Gyanvapi Shringaar Gauri Case) में आज अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी यानी मुस्लिम पक्ष की एप्लीकेशन पर हिन्दू पक्ष ने अपनी आपत्ति कोर्ट में दी थी. दरअसल, बीते 18 दिसंबर को ASI सर्वे टीम ने ज्ञानवापी परिसर में 92 दिनों तक सर्वे किया था. सर्वे की सील बंद रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट की गई थी. इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में एप्लीकेशन दी थी. इसमें कहा गया था कि सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाए.  रिपोर्ट की मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाने की मांग रखी गई है. इसी पर आज हिन्दू पक्ष की तरफ से आपत्ति दर्ज की जाएगी. इसके साथ ही इस पर कोर्ट निर्णय लेगा की एएसआई सर्वे रिपोर्ट को वादी और अधिवक्ताओं को देना है या नहीं.

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सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने पर फैसला 
जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वशेश की कोर्ट में 2 सील बंद लिफाफे में दाखिल ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने पर आज फैसला हो जाएगा. 18 दिसंबर को  भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने रिपोर्ट दाखिल की थी. हिंदू पक्ष ने जहां सर्वे रिपोर्ट की प्रति तत्काल दिए जाने का अनुरोध किया है, तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि रिपोर्ट की प्रति यह शपथ पत्र लेकर दी जाए कि वह किसी को लीक नहीं की जाएगी. मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाने की मांग है.

24 जुलाई को शुरू हुआ था सर्वे 
गौरतलब हो कि जिला जज की कोर्ट के आदेश से ज्ञानवापी में एएसआई ने बीते 24 जुलाई को सर्वे शुरू किया था.  सर्वे, रिपोर्ट तैयार करने और उसे कोर्ट में दाखिल करने में 153 दिन लगे. सर्वे रिपोर्ट के साथ ही जिलाधिकारी को सुपुर्द किए गए साक्ष्य की लिस्ट भी अदालत में दाखिल की गई. इसके साथ ही एक प्रार्थना पत्र भी दिया गया है, जिसमें यह बताया गया है कि ASI ने सर्वे का काम कैसे किया है.

लगातार चलेगी सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी (Gyanvapi Kashi Vishwanath) मामले को लेकर 1991 के सबसे पुराने मुकदमे में एक अहम फैसला सुनाया था.  इस फैसले के अनुसार 32 साल पुराने इस मामले की सुनवाई अब लगातार चलेंगी. हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक 6 महीने के भीतर भूमि विवाद पर निचली अदालत को अपना फैसला सुनना है.

ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट क्या हुआ अब तक.....

21 जुलाई को वाराणसी की जिला अदालत ने यह पता लगाने के लिए परिसर के एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश दिया था कि क्या मस्जिद का निर्माण ‘पहले से मौजूद एक मंदिर की संरचना पर किया गया था.

जिला और सत्र न्यायाधीश एके विश्वेश ने एएसआई को विवादित संपत्ति की वैज्ञानिक जांच एवं सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था
यह सर्वेक्षण वजूखाना, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील कर दिया गया था, क्षेत्र को छोड़कर पूरे परिसर में किया जाना था
सर्वे पर रोक लगाने की मांग करते हुए मस्जिद समिति के इलाहाबाद हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद सर्वे रोक दिया गया था

दोनों अदालतों से मंजूरी मिलने के बाद सुरक्षा व्यवस्था के बीच 4 अगस्त को फिर से सर्वे शुरू हुआ था. निर्धारित समय समाप्त होने के बाद एएसआई ने सर्वेक्षण पूरा करने के लिए अदालत से अतिरिक्त समय मांगा था. 

अपने आवेदन में अधिक समय की मांग करते हुए एएसआई ने कहा था, ‘जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट हैदराबाद के विशेषज्ञों की एक टीम एक जीपीआर यानी ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार सर्वे भी कर रही है और उस डेटा का विश्लेषण और अध्ययन किया जा रहा है.

इसमें हवाला दिया गया था कि मस्जिद के तहखाने में बहुत सारा मलबा पाया गया है. जिसने संरचना को ढंक लिया है. इसमें आगे कहा गया था, मलबे को बहुत सावधानी से और व्यवस्थित रूप से हटाया जा रहा है. जो एक धीमी प्रक्रिया है और सर्वे के लिए तहखाने की जमीन को साफ करने से पहले कुछ और समय लेगी.

12 दिसंबर को अंतिम सुनवाई के दौरान एएसआई ने रिपोर्ट सौंपने के लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा था. जो उसे मिल गया था. अदालत ने एएसआई को रिपोर्ट सौंपने के लिए आठवीं बार समय विस्तार दिया था.

अदालत में asi ने एक सील कवर रिपोर्ट सौंप दी. रिपोर्ट पर विचार करने के लिए अदालत ने 21 दिसंबर यानी आज की तारीख तय की है.

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