भाई दूज पर तिलक लगाने के लिए राह देखती रही चार साल की मासूम, 14 दिन से घर नहीं लौटा वेदांत
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भाई दूज पर तिलक लगाने के लिए राह देखती रही चार साल की मासूम, 14 दिन से घर नहीं लौटा वेदांत

देहरादून:  भाई को तिलक लगाने के लिए चार साल की मासूम इंतजार करती रही लेकिन 14 दिनों से लापता वेदांत गुप्ता अभी तक घर नहीं लौटा है. 

भाई दूज पर तिलक लगाने के लिए राह देखती रही चार साल की मासूम, 14 दिन से घर नहीं लौटा वेदांत

देहरादून: देहरादून के पटेलनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत नगर निगम कॉलोनी ब्रह्मपुरी , निरंजनपुर से 14 वर्षीय वेदांत गुप्ता पिछले 14 दिनों से लापता है. थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाने के साथ ही परिजनों ने उसे ढूंढने की हर मुमकिन कोशिश भी कर डाली लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल सका. अब लाचार और मजबूर परिजनों के पास अपने इकलौते बेटे की तलाश के लिए पुलिस प्रशासन से गुहार लगाने के सिवा और कोई चारा नहीं है.

अपने एकलौते पुत्र के घर लौटने के इंतज़ार में नारायण गुप्ता , उनकी धर्म पत्नी और उनकी 4 साल की छोटी सी बेटी बैठे हैं. 14 अक्टूबर को इस परिवार का इकलौता पुत्र वेदांत गुप्ता परिवार को बिना बताए चला गया और अभी तक भी वह नहीं लौटा. बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाने के साथ ही पिता ने उसे तलाशने की हर मुमकिन कोशिश कर डाली है, एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है ,लेकिन बेटे का कहीं भी कोई पता नहीं चल सका.

सीसीटीवी में जरूर उसकी पैदल जाते हुए कि तस्वीर कैद हुई है लेकिन उसके बाद आगे पीछे के सीसीटीवी कैमरे में कुछ पता नहीं चल पा रहा है. बेटे को लापता हुए 14 दिनों का वक्त हो गया है और परिवार का सब्र भी उनकी परीक्षा लेता नज़र आ रहा है. कहीं से भी लापता बेटे का कुछ पता नहीं चल पा रहा. ऊपर से पुलिस प्रशासन से एक मात्र उम्मीद टिकी है, लेकिन दिन बढ़ने के साथ ही परिवार की परेशानी भी और ज्यादा बढ़ रही है. पिता का कहना है कि उनका न तो किसी से विवाद रहा है और न ही कोई लड़ाई झगड़ा. लेकिन उनकी भी समझ में अब नहीं आ रहा कि आखिर वह अपने बेटे को कहां तलाशें.

मां के दिल पर इस वक्त क्या गुजर रही होगी एक मां से बेहतर और कोई नहीं जान सकता. बस जैसे तैसे करके आंखों के आंसुओं को छुपाने की कोशिश कर रही है , लेकिन चेहरे से दिल की बैचैनी , घबराहट और परेशानी साफ झलकती नज़र आ रही है , जो इस वक्त अपने एकलौते चिराग के इंतज़ार में तड़पती दिख रही हैं.

अब परिवार की उम्मीद ईश्वर और उसके बाद पुलिस प्रशासन पर टिकी हुई है कि मित्र पुलिस उनके इकलौते चिराग को खोज कर घर लायेगी. जी मीडिया की भी ये मुहिम है जल्द एक मां को उसका एकलौता चिराग वापस मिले.

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