वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी ने डाला हनुमान सेतु के सामने डेरा, कही बेघर होने की बात
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वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी ने डाला हनुमान सेतु के सामने डेरा, कही बेघर होने की बात

Wasim Rizvi Urf Jitendra Tyagi: उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने शनिवार शाम यूनीवर्सिटी मार्ग स्थित हनुमान सेतु मन्दिर में डेरा जमाया. वहीं, उन्होंने सआदतगंज स्थित शिया यतीमखाना परिसर के मकान से कथित तौर पर बेदखल किए जाने को लेकर वसीम रिजवी ने विरोध किया है. 

वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी ने डाला हनुमान सेतु के सामने डेरा, कही बेघर होने की बात

Wasim Rizvi in Hanuman Setu: बीते दिन 29 मई को लखनऊ में जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने नया ऐलान किया. उन्होंने कहा कि वह हनुमान सेतु के सामने फुटपाथ पर सोएंगे. क्योंकि शिया वक़्फ़ बोर्ड ने उनका पुराना घर वापस ले लिया है, जिससे जितेंद्र उर्फ वसीम नाराज हैं. ऐसे में उन्होंने घोषणा की कि वह लखनऊ के अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर के फुटपाथ पर सोएंगे. जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने दावा किया है कि उनके पास रहने के लिए कोई मकान नहीं है. वह कुछ समय पहले ही जेल से छूटे हैं. 

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पार्किंग एरिया में चादर डालकर लेट गए वसीम रिजवी
गौरतलब है कि वसीम उर्फ त्यागी का विवादों से है पुराना नाता है. कई बार वह अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहे हैं. बीती शाम वह लखनऊ के हनुमान मंदिर पहुंचे और भगवान के दर्शन किए. इसके बाद जितेंद्र त्यागी ने मंदिर के बाहर पार्किंग में डेरा डाल लिया. सुरक्षाकर्मियों के साथ जितेंद्र त्यागी ज़मीन में चादर बिछा कर लेट गए. वहीं, उनके साथ हिंदू संगठन के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे.

जेल में रहने के दौरान लग गया ताला
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने शनिवार शाम यूनीवर्सिटी मार्ग स्थित हनुमान सेतु मन्दिर में डेरा जमाया. वहीं, उन्होंने सआदतगंज स्थित शिया यतीमखाना परिसर के मकान से कथित तौर पर बेदखल किए जाने को लेकर वसीम रिजवी ने विरोध किया है. त्यागी का आरोप है कि हिंदू धर्म अपनाने के बाद उन्हें घर में रहने नहीं दिया जा रहा. उन्होंने कहा कि चार महीने पहले वह जेल गए थे. इसी बीच मकान पर ताला लग गया.

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तीन महीने पहले नोटिस देने की हुई थी मांग
ऐसे में जब वह शनिवार को वह अपने मकान पहुंचे, तो वहां ताला लगा हुआ था. उन्होंने दावा किया कि जब साल 2016 में शिया वक्फ बोर्ड की ओर से यतीमखाने के पास जमीन का एग्रीमेंट उनके ससुर इब्ने हसन के साथ हुआ था. इस दौरान यह तय किया गया था कि यतीम खाने को जब भी इस जमीन की जरूरत होगी तो वह तीन महीने पहले ही नोटिस देगा.

"जहां जगह मिलेगी सो जाऊंगा"
वसीम रिजवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके पास रहने-सोने के लिए जगह नहीं है. वह केवल हनुमान सेतु में दर्शन करने आए थे और वहीं बैठकर लोगों से बात करने लगे. धरना देना उनका मकसद नहीं है. उन्होंने बताया कि उनके हिंदू हो जाने के बाद उनके मकान की चाबी थाने पर जमा कर ली गई थी. कागजात उनके पास हैं, लेकिन मकान दिया नहीं गया. ऐसे में वह सवाल कर रहे हैं कि जाएं कहां? वसीम रिजवी कहते हैं कि उन्हें जहां जगह मिलेगी सो जाएंगे. फुटपाथ हो या फकीरों के सोने की जगह. 

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